कथा के दौरान भजनों के दौरान महिलाएं ,पुरूष, युवा वर्ग नृत्य करते
बीगोद– कस्बे के झूलेलाल मंदिर में पांच दिवसीय भक्त चरित्र नानी बाई को मायरो के तीसरे दिन दिन कथा वाचक युवराज वैष्णव ने मुखारविंद से कथा प्रारंभ की इस दौरान गणेश वंदना, गुरु वंदना, कृष्ण भगवान का भजन कीर्तन करते हुए कहा कि नरसी मेहता जी के कोकिलिया महाराज द्वारा कंकुपत्री मांडी की ।
कंकुपत्री को लेकर कोकलिया पहुंचे नरसी भाई बन्धो को ईकटँठा कर मायरो के लिए तैयार किया। लेकिन उनके पास पैसे नही थे। कोई साथ नही लगा फिर साधुओं को भैला कर टूटी पूटी गाडी को ईकटठा कर बैठाया गाडी चलाने के लिए बैल ऐसे मिले गाडी दो बैठते एक गिर जाती उस दौरान भगवान कृष्ण किशना खाती का रूप बनाकर आते भगवान स्वयं उनकी गाडी को तैयार करते उसके बाद वहां पहुचने पर धन सम्पदा नही होने से चिरंजी महाराज नानी बाई का सोहरा जी आदर सत्कार नही करवाते। टूटी झोपड़ी का बहार मायरा डैरा दिया।
नरसी महाराज मिलने नानी बाई आये तो को कहा आप एक लोटा पानी लेकर आये नरसी ने कहा यहां तो एक-एक साधु के चार तूबे चावे तब इस दौरान भगवान ने मायरा भरा ।
मुख्य यजमान ने व्यासपीठ का पूजन एवं मायरा कथा ग्रंथ का पूजन किया नृसिंह के बाहर का भाव था ठाकुर आयो तो मारो मायरो भर जायेंगे अंदर भरा हुआ था।
कथा के दौरान भजनों पर महिलाएं पुरुष नृत्य कर कथा का आनंद ले रहे थे (फोटो कैप्शन- 1- महाराज कथा श्रवण करते
2- महिलाएं भजन कीर्तन नृत्य करती
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फोटो प्रमोद कुमार गर्ग
सर दोनों फोटो लगाएं