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महराजगंज
जनपद महराजगंज के नेपाल राष्ट्र से सटे सरहदी क्षेत्रो में तस्करों की चांदी ही चांदी है क्योंकि जिम्मेदार एजेंसीया भारतीय नियमों व कानूनो के आड़ में सरहदी क्षेत्रो में हो रहे तस्करी को और तस्करों को बचाने के लिए ढाल बना कर स्तेमाल कर रही है।
महराजगंज जिले का सीमावर्ती थाना ठूठीबारी निचलौल आदि में वर्षों से पांव पसारे हुए कबाड़ का गोरख धंधा तस्करी के लिए सुरक्षित गोरख धंधा बना हुआ है इसकी आड़ में नेपाल राष्ट्र से नेपाली बैटरी, टायर, प्लास्टिक आदि कबाड़ के रूप में भारतीय सीमा में बने कबाड़ के अड्डे पर बड़े पैमाने पर लाया जाता है जहाँ इनको इकट्ठा कर बड़े- बड़े ट्रक और कैनटेनर के माध्यम से संबंधित फैक्टरी को भेज दिया जाता है। कुछ मामले जब मिडिया की सुर्खियां बनते है तो जिम्मेदार एजेंसीया उक्त कबाड़ को भारतीय विल और टेक्स पेड बताकर छोड़ देती है या जुर्माना लगाकर छोड़ देती है लेकिन जिम्मेदार एजेंसीया कभी भी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित कबाड़ के कारोबारियों से कबाड़ कहा से आया, कबाड़ियों के स्टाक में क्रय का स्रोत तथा विक्रय का मिलान नहीं करती हैं। ठूठीबारी थाना क्षेत्र के भरवलीया में एक कबाड़ी, ठूठीबारी और नौवाबारी में भी एक कबाड़ी, राजाबरारी में भी तो वहीं नौवाबारी में भी कबाड़ी बड़े कारोबारी सीमाई इलाके में नेपाली कबाड़ को खपाने के अड्डे बने हुए हैं सूत्रों की मानें तो जिम्मेदार एजेंसीया मोटी रकम हर माह वसूल रही है और कारोबारीयो की चादी ही चांदी है।फणीन्द्र कुमार मिश्र