कथा के दौरान भजनों पर नृत्य कर भक्ति भाव से आनंद लिया
बीगोद– कस्बे के झूलेलाल मंदिर में पांच दिवसीय भक्त चरित्र नानी बाई को मायरो के प्रथम दिन महाराज श्री युवराज वैष्णव ने अपने मुखारविंद से कथा प्रारंभ की इस दौरान गणेश वंदना गुरु वंदना भजन कीर्तन करते हुए कहा कि नरसी मेहता की भक्ति साधना श्री कृष्ण का कथा का वृतांत सुनाया उन्होंने लोभ मोह माया से दूर रहकर भगवती को ही उद्धार का मार्ग बताया सुंदर प्रसंग में आपको हरी दर्शन के को ज्ञान प्राप्त के लिए हाथी को दान के लिए ईश्वर ने बनाया है अतः सभी भक्तजन इसका लाभ उठाकर जीवन सार्थक करें।
प्रथम दिन मुख्य यजमान ने व्यासपीठ का पूजन एवं मायरा कथा ग्रंथ का पूजन किया नृसिंह के बाहर का भाव था ठाकुर आयो तो मारो मायरो भर जायेंगे अंदर का भाव था इस बहाने ठाकुर के दर्शन हो जाएंगे प्रवचन में उन्होंने बताया नरसी के पास पिता के श्राद्ध के लिए धन नहीं था।
इस पर नगर के सैठो के पास उधार धन मांगने गए किसी भी सेठ ने मदद नहीं की अंत में एक सेठ ने आवाज देकर बुलाया और कहा कि आप को श्रद्धा के लिए कितना सम्मान चाहिए ले जाना लेकिन इसके बदले क्या दोगे नरसी ने कहा मैं तो भगवान का भजन करता हूं मुझे भजन सुना दो मैं तुम्हें जितना समान चाहिए वह दे दूंगा। नरसी भजन सुनाते शाम हो गयी।
इदर नरसी घर पर 7 गांव के पंडितों को भरपूर भोजन कराया। जब शाम हो गई तो नरसी ने सोचा मैं मेरे पिता का श्राद्ध नहीं कर पाया। शाम हो गई नरसी ने सेठ को कहा समान दे दो उन्होंने कहा शाम को उधार नही देते नरसी उदास होकर घर लौट आए उनका सारा वृत्तांत सुनकर सांवरिया सेठ की महिमा गाने लगे इसके अलावा भोलेनाथ और पार्वती शंकर की कहानी सुनाएं।
इस दौरान पंडाल खचाखच भरा हुआ था। कथा के दौरान भजनों पर महिलाएं पुरुष नृत्य कर कथा का आनंद ले रहे थे (फोटो कैप्शन- भागवत भगवान की आरती करते भक्तजन) फोटो प्रमोद कुमार गर्ग