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गाजीपुर – अपहरणकर्ताओ की गिरफ्त से 35 दिन बाद निकली किशोरी,अब भी लीपापोती मे जुटा कोतवाल

गाजीपुर: जेल में पास्को एक्ट के तहत बन्द बेटे को छुड़ाने के लिये परिजनो ने आरोप लगाने वाली नाबालिग को थाने के गेट से अगवा कर लिया और फर्रूखाबाद जिले में ले जाकर अपने रिश्तेदार के घर किशोरी को बन्धक बना लिया। किसी तरह 35 दिन बाद किसी मोबाइल से अपने परिजनो से सम्पर्क संाधने के बाद किशोरी कानपुर जी0आर0पी0 थाने पहुंची और मामले की सूचना अपने परिजनो को दी । सम्बन्धित इलाके से जुड़ी पुलिस चौकी के इंचार्ज व परिजन कानपुर पहुंचे और पीड़ित किशोरी को लेकर जिला मुख्यालय आये। मौजूदा समय में पीड़ित किशोरी अपने घर है जबकि इलाकाई पुलिस लगातार किशोरी के परिजनो पर ही उसका अपहरण का आरोप मढ़ रही है जबकि किशोरी ने गांव के ही पॉच लोगो को मामले का आरोपी बताया है और मिलकर पुलिस कप्तान को दी गयी। इस जानकारी के बाद इलाकाई थाने की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।

बताया जाता है कि कासिमाबाद थाना क्षेत्र के एक नगरीय कस्बे में रहने वाली किशोरी को दूसरे सम्प्रदाय का युवक बहला फुसलाकर भगा ले गया। बाद में परिजनो की शिकायत पर आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने संगीन मामलो के साथ उसके द्वारा किये गये अपराध की विवेचना के बाद उसे पास्को के मामले में दोषी पाते हुए जेल भेज दिया जो जेल में बंद हैं। इसी बीच किसी तरह शिकायत करने वाली किशोरी को उसके घर से रात को बहला फुसलाकर दोबारा भगा दिया गया। जो उसी रात इलाकाई पुलिस के हत्थे चढ़ गई और जब परिजन जानकारी के बाद थाने पहुचंे तो वह उनके साथ घर जाने को तैयार नही हुई। जिसके चलते परिजन किशोरी को थाने मे ही छोड़कर रात को घर पहुंच गये।

मई महीने में हुई इस घटना के बाद कासिमाबाद पुलिस ने किशोरी को सुबह होने पर थाने से भगा दिया और जैसे ही बाहर निकली जेल में बद युवक के पिता व रिश्तेदारों के साथ उसके गांव के रहने वाले पंाच लोगो ने जबरदस्ती उसे चार पहिया वाहन पर लेकर फर्रूखाबाद चले गये जहंा जेल मंे बद युवक के बहन की शादी हुई है और उसी जगह किशोरी को बन्धक बना दिया गया और लगातार युवक के साथ रहने का दबाव बनाते हुए उससे मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया। 35 दिन बीत जाने के बाद किशोरी ने किसी के मोबाइल से अपने परिजनो से सम्पर्क साधा और कोई ट्रेन पकड़कर निकल भागी। बाद मंे उसी रात किशोरी कानपुर जी0आर0पी0 थाने पहुंची और फिर सूचना परिजनो को दी गयी। इसके बाद स्थानीय चौकी पर तैनात प्रभारी व किशोरी के पिता कानपुर गये और किशोरी को वापस ले आये हैं।

इस सनीसनी खेज मामले में जब इण्डिया न्यूज लगातार कासिमाबाद थाने से सम्पर्क किया तो थानेदार मामले को समझने के बजाय मीडियाकर्मियों को यही समझाते रहे कि किशोरी गलत है और उसके परिजनो ने ही उसे कहीं छिपाया है। लेकिन जब 40 दिन बाद किशोरी वापस आने के बाद खुद कह रही है कि गांव के रहने वाले पांच लोगो ने उसका अपहरण किया था तो इलाकाई पुलिस के प्रभारी की बोलती बंद हैं। मामले में पंाचो आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये किशोरी अपने परिजनो के साथ मौजूदा पुलिस कप्तान रोहन प्रमोद बोत्रे से मिली और समूचे मामले की जानकारी दी तथा गुहार लगाया गया है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय।

राकेश की रिपोर्ट

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