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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2021:– जैसा होगा मन वैसा होगा तन:

 

रिपोर्ट ब्यूरो

गोरखपुर हमारे समाज में ऐसा माना जाता है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ होना ही स्‍वास्‍थ्‍य का प्रतीक है। यह अवधारणा होती है कि शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ ही होगा। इतना ही नहीं फिजिकल हेल्थ के लिए हम डाइट, एक्सरसाइज़ और डॉक्टर का सहारा भी लेते हैं। मगर मेन्टल हेल्थ को इग्नोर कर दिया जाता है।
अब समय बदला है और लोग मेन्टल हेल्थ पर बात कर रहे हैं। अब लोग शर्म या डर से मानसिक स्वास्थ्य है को इग्नोर करने के बजाय आगे आकर अपने एक्सपीरियंस भी शेयर कर रहे हैं।
क्या है मेंटल हेल्थ और क्यों इस पर बात करना जरूरी है?
मेंटल हेल्थ का अर्थ है हमारा इमोशनल, साइकोलॉजिकल और सोशल हेल्थ। हम क्या सोचते हैं, क्या महसूस करते हैं और कैसे बिहेव करते हैं यह सब मेंटल हेल्थ के अंदर ही आता है।
अगर हम मेंटली फिट नहीं हैं, तो यह हमारे काम से लेकर हमारे रिश्तों पर असर डालेगा। मगर अफ़सोस, हम मेन्टल हेल्थ पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझते।
दिमाग भी हमारे शरीर का एक हिस्सा ही है, जिसमें कोई बीमारी हो सकती है। इस स्थिति को बहुत नॉर्मली देखा जाना चाहिए और मेन्टल हेल्थ को सीरियसली लिया जाना चाहिए!
कोविड-19 और आर्थिक संकट तनाव लेकर आए हैं, पर इनसे निकलना असंभव नहीं हैं!
कोविड-19 महामारी और उसके बाद आए आर्थिक संकट ने हम सभी के जीवन में तनाव और अवसाद को बढ़ाया है, पर यह हार मानने का नहीं, चुनौतियों को स्‍वीकार करने का समय है।
तनाव हम सभी के जीवन में आया है पर इससे मुकाबला करना इतना भी मुश्किल नहीं।
दुनिया आज जिस महामारी के दौर से गुजर रही है, उसने हमारी जिंदगी के लगभग हर पहलू को प्रभावित किया है। इनमें हमारे व्‍यक्तिगत, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्‍मक, वित्‍तीय, पेशेवर, अंतर्वैयक्तिक सभी कुछ शामिल हैं। इससे हमारा मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्‍वास्‍थ्‍य भी प्रभावित हो सकता है।
कोविड-19 से पहले भी, तनावरहित जीवन का मिलना किसी सपने की तरह था। जो आमतौर पर सच नहीं होता था। लेकिन आज जैसे अभूतपूर्व दौर में, जबकि हर तरफ अनिश्चितता फैली है- महामारी के चलते डर तथा चिंता के माहौल ने सभी को प्रभावित किया है!
सेहत होनी चाहिए प्राथमिकता
ऐसे में हम सभी का पूरा ज़ोर खुद की सेहत, जिसमें शारीरिक तथा मानसिक सेहत भी शामिल है, पर ध्‍यान देने पर होना चाहिए। यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि हर व्‍यक्ति अपनी निजी जिंदगी में तनाव से किस प्रकार निपटता है। साथ ही, उसकी जिंदगी में किस तरह के हस्‍तक्षेप मौजूद हैं तथा यह तनाव उसकी रोज़मर्रा की जिंदगी को किस रह से प्रभावित करता है।
आपकी लाइफस्टाइल जैसी भी है, अगर वह आपको मानसिक तनाव दे रही है तो आपको उसमें तत्काल बदलाव करना चाहिए। मेरा मानना है फौरी तौर पर अपने लाइफस्टाइल और मानसिकता में परिवर्तन कर आप ज्यादा खुश और तनावमुक्त रह सकते हैं।
अगर आप खुश रहना चाहते हैं, तो अपनी खुशियों को याद करें। और मेन्टल हेल्थ को इम्प्रूव करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
1. दोस्तों को करीब लाएं
अपने दोस्तों के साथ समय बिताइए, और इसके लिए अपने फ़ोन पर निर्भर रहना ठीक नहीं। हालांकि लॉकडाउन में यह एक मजबूरी हो सकती है। पर शेष समय में टेक्स्ट मैसेज या कॉल से बेहतर है मिलना और साथ मे वक्त बिताना। दोस्तों के साथ अब वर्चुअल समय बिताने से आपके मेंटल हेल्थ पर एक पॉज़िटिव प्रभाव पड़ता है।
यह जरूरी है कि आप खुद को भीतर से मजबूत रखें।
2. एक्टिव रहें
फिजिकल एक्टिविटी जैसे व्यायाम इत्यादि आपके शरीर में एंडोर्फि‍न्स का स्तार बढ़ाती हैं जो आपके मूड को सुधारकर आपको खुश रखता है। इतना ही नहीं, फिजिकल एक्टिविटी से आप पॉज़िटिव रहते हैं, तनाव दूर रहता है और नींद भी अच्छी आती है। इसके लिए जिम जाना ज़रूरी नहीं, आपको जो एक्टिविटी पसन्द हो उसका सहारा लें। आप डांस, योग जैसे कोई भी विकल्प अपना सकती हैं।
3. प्रैक्टिस ग्रेटिट्यूड
हम अक्सर नेगेटिव विचारों पर ज्यादा ध्यान देते हैं, कोई नेगेटिव घटना हमारे दिमाग में ज्यादा देर तक रहती है। ऐसे में सबसे बेहतर है कि हम हर दिन हमारे साथ जो कुछ भी अच्छा हुआ उस पर ध्यान दें। इसके लिए डायरी लिखना सबसे फायदेमंद है। हर दिन 5 छोटी-बड़ी बातों को लिखें, जिसके लिए आप शुक्रगुज़ार हैं। यह अच्छे मौसम से लेकर शाम की चाय तक कोई भी चीज़ हो सकती है। इसकी मदद से आप हर दिन होने वाली पॉजिटिव घटनाओं पर ध्यान दे सकेंगें।
4. ख़ुद के प्रति संवेदनशील बनें
क्या आप किसी और के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे जैसा आप खुद के साथ कर रहे हैं? अपने आपको दुखी या नाराज़ होने के लिए दोषी मत मानें, खुद से प्यार से पेश आएं।
हर दिन कम से कम 15-20 मिनट के लिए अपने पसन्द का कोई काम करें। सेल्फ़ केयर का मतलब छुट्टी पर जाना या दोस्तों के साथ समय बिताना ही नहीं होता। अपने लिए समय निकालना भी सेल्फ केयर का हिस्सा है।
संगीत आपको तनावमुक्‍त करने में मददगार हो सकता है।
5. हर दिन एक गोल तय करें।
आप लाइफ से संतुष्ट हैं, आपके पसन्द की जॉब है, अच्छी इनकम है, अच्छे दोस्त हैं इसका यह मतलब नहीं कि आपके गोल्स नहीं हो सकते। हर दिन एक छोटा गोल निश्चित कीजिये और उसे पाने की कोशिश कीजिये। इससे आप हर दिन एक अचीवमेन्ट महसूस करेंगें और निराशा आपसे दूर रहेगी।
6. अपनी नींद को प्राथमिकता दें
अच्छी नींद आपको हेल्दी रखती है। हर दिन 8 घण्टे की नींद ज़रूर लें। अगर आपको सोने में समस्या होती है तो अपनी जीवनशैली में व्यायाम बढ़ाएं। सोने से पहले सोशल मीडिया से दूर रहें। लेटने से आधे घण्टे पहले ही फ़ोन को किनारे रख दें और डायरी लिखें या कोई किताब पढ़ें। इससे आपको अच्छी नींद आएगी।
7. वर्तमान में जिएं
आज में जिएं, यह आपको आपके आसपास हो रही घटनाओं को लेकर पॉज़िटिव बनाएगा। इतना ही नहीं, भविष्य की चिंता या भूत (पूर्व) के गिल्ट में जी कर आप अपने दिमाग को बेवजह स्ट्रेस देते हैं। इसलिए हर पल को एंजॉय करें।
इन छोटे-छोटे बदलावों से आप अपने मेंटल हेल्थ को सुधार सकते हैं। अगर आपको फिर भी लगता है कि आप स्ट्रेस में हैं तो मन कक्ष मे मनोवैज्ञानिक के पास जाने में शर्म महसूस न करें।
काम का तनाव, संबंधों की खींचतान, हर काम में टालमटोल, ध्‍यान लगाना भी मुश्किल है… अगर आपकी हालत भी ऐसी ही है, तो यहां आपकी उन सारी परेशानियों का हल है जो आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित करती हैं।
मन कक्ष हेल्पलाइन नं 9336929266 रमेन्द्र त्रिपाठी नैदानिक मनोवैज्ञानिक जिला अस्पताल गोरखपुर।

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