जोयला एनीकट निर्माण कार्य को रोका जावे व जवाई बांध पुनर्भरण हो।
रिपोर्टर – मनीष दवे
जालोर :– आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित लिखित रूप में जिला कलेक्टर जालोर को अवगत करवाया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र सहित पुरे जालोर जिले की मुख्य समस्या निम्न हैं जिसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश व्यापत हैं पहली मुख्य समस्या यह है कि रोहट से वाया आहोर से जालोर तक बी.ओ टी , राज्य राजमार्ग है जो पुरी तरह से क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं इसकी नवीनीकरण कार्य करने की अवधि भी अगस्त 2020 थी , लेकिन अभी तक इस राज्य राजमार्ग का नवीनीकरण कार्य शुरू नहीं हुआ है उपर से टोल टैक्स भी बढ़ाया गया ।
इस विषय को लेकर कई बार ज्ञापन देकर व धरना प्रदर्शन कर प्रशासन व राज्य सरकार को अवगत भी करवाने के बावजुद भी इस समस्या का हल नही निकला , इसी कारण क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश हैं । दूसरी मुख्य मांग है कि सिरोही की शिवगज तहसील के जोयला गांव के पास सुकडी नदी के पानी को रोक कर जोयला एनीकट के निर्माण कार्य के लिए सरकार द्वारा 24 करोड 64 लाख रूपये की लागत से कार्य स्वीकृत हैं इस एनीकट के निर्माण के बाद जवाई नदी में हमेशा के लिए पानी की आवक बद हो जायेगी , जिसका नुकसान जालोर जिले के लोगो सहित जवाई नदी पर बसे गावों को होगा ।
इसलिए जोयला एनीकट निर्माण कार्य को निरस्त करवाना जालोर के किसानों व लोगों के हित मे रहेगा, तीसरी मांग के तौर पर पाली व जालोर की जनता ने कई बार जवाई बाध के पुर्नभरण को लेकर राजस्थान की सरकार से लंबे समय से मांग रही है कि जवाई बांध का पुर्नभरण किया जायें , जिससे किसानों व अन्य सभी लोगों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल सके . इस समस्या को लेकर विधानसभा में भी जनता की मांग रखी , लेकिन सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया । क्षेत्र की जनता राजस्थान सरकार से मांग करती हैं जवाई बांध का पुर्नभरण हो ।
जवाई की डीपीआर बन गई हैं पुर्नभरण की योजना लागु हो व सिंचित क्षेत्र का विस्तार किया जाए । जवाई बांध बनने से सबसे ज्यादा नुकसान जालोर को हुआ हैं इसलिए जवाई बाध पुर्नभरण के साथ – साथ जवाई नदी में पानी छोड़ने का हिस्सा भी तय किया जावे और विधायक राजपुरोहित ने कहा कि उपर्युक्त सभी समस्याओं पर समय रहते सरकार तुरत प्रभाव से कार्यवाही करे अन्यथा उक्त समस्याओं का यदि संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो हम किसान सहित आमजन आगामी दिनों में जिला मुख्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन करने हेतु सडको पर उतरेगें , जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की रहेगी।