लक्ष्मण को मूर्छित देख भगवान राम विलाप करने लगे।
मीरजापुर। चौक बाजार अहरौरा में स्थित शंकर जी के मंदिर
पर चल रही रामलीला में रविवार की रात लक्ष्मण शक्ति,हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने,कुंभकर्ण वध के लीला का मंचन किया गया।मेघनाद और लक्ष्मण में भीषण युद्ध हुआ।
जब मेघनाद के सारे अस्त्र असफल हो गए तो उसने अमोघ शक्ति लक्ष्मण के ऊपर छोड़ दी। शक्ति के लगते ही लक्ष्मण मूर्छित होकर गिर पड़े। लक्ष्मण को मूर्छित देख भगवान राम विलाप करने लगे। विभीषण के कहने पर हनुमान जी सुषैन वैद्य को लाते हैं और वैध के सलाह पर हनुमान जी हिमालय पर्वत से संजीवनी बूटी लेने निकलते हैं।
इस दौरान हनुमान जी कहते हैं कि हे सूरज इतना याद रहे, संकट एक सूरज वंश पे है, लंका के नीच राहु द्वारा आघात दिनेश अंश पर है। इसीलिए छिपे रहना भगवन जब तक न जड़ी पंहुचा दूं मैं, बस तभी प्रकट होना दिनकर जब संकट निशा मिटा दूं मैं।
मेरे आने से पहले यदि किरणों का चमत्कार होगा, तो सूर्य वंश में सूर्यदेव निश्चित ही अंधकार होगा। आशा है स्वल्प प्रार्थना ये सच्चे जी से स्वीकरोगे, आतुर की आर्थ अवस्था को होकर करुणार्ध निहारोगे।
अन्यथा छमा करना दिनकर, अंजनी तनै से पाला है, बचपन से जान रहे हो तुम हनुमत कितना मतवाला है। मुख में तुमको धर रखने का फिर वही क्रूर साधन होगा,बंदी मोचन तब होगा जब लक्ष्मण का दुःख मोचन होगा। इसके बाद हनुमान जी सूर्योदय से पूर्व संजीवनी लेकर आते हैं और लक्ष्मण की मूर्छा दूर हुई। इसके बाद प्रभु श्री राम द्वारा कुंभकर्ण का वध किया जाता हैं।
कुंभकर्ण को निद्रा से जगाने की लीला को देख दर्शक हंसी से लोटपोट हो जाते हैं।मेघनाथ के रुप में बृजेश ने बेहतरीन अभिनय किया। राम का किरदार धीरज मोदनवाल ने निभाया।रावण के रूप में कामेश्वर ने तो वहीं कुंभकर्ण का जिवंत अभिनय विकास में किया। इस दौरान अध्यक्ष कुमार आनंद, व्यास शिरिष चंद्र, अश्वनी, पुण्य, प्रवीन, किशन, सतीश, सोनू, सक्षम, रौनक, मोनू सहित अन्य रहें।