चुनावी दंगल
मुदस्सिर हुसैन IBN NEWS
उड़न खटोलो को देखते देखते मतदाता भी गए थक
अयोध्या 17 मई – लोकसभा के पांचवें चरण का चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहा है, वैसे वैसे सियासी दलों का पारा बढ़ता हुआ देखा जा रहा है।राजनैतिक दलों की ओर से मतदाताओं को रिझाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। फैज़ाबाद लोक सभा चुनाव में उड़न खटोलो को देखते देखते मतदाता भी थक चुके हैं क्यों कि इस हाट सीट पर सीधा मुकाबला सपा और भाजपा के बीच देखा जा रहा है।
दो बार से विजय श्री हासिल कर चुकी भाजपा कोई कोर कसर छोड़ने को तैयार नहीं यही वजह है कि भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के समर्थन में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री व मंत्रियों की जनसभाएं व रोड शो पर रोड़ शो किए जा रहे हैं लेकिन समाजवादी पार्टी भी इससे पीछे नही, वह भी अपने उम्मीदवार के लिए खुद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाल रखा है देश व प्रदेश के साथ साथ समय निकालकर इस सीट पर भी बड़ी बड़ी जनसभाएं कर रहे हैं और इंडिया गठबंधन की गारंटी बता रहे हैं।यही नहीं इस सामान्य सीट पर सपा मुखिया ने एससी उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को उतारकर मुक़ाबला बराबर पर ला दिया है, क्यों कि अवधेश प्रसाद भी जिले के कद्दावर नेताओं में गिने जाते है।
इसके अलावा विधान सभा मिल्कीपुर से मौजूदा विधायक भी है और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।इससे साफ लगता है कि इस बार भाजपा के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा।समाजवादी पार्टी ने अनुसूचित जाति (एससी) उम्मीदवार को उतारकर पलड़ा अपना भारी कर लिया है लेकिन इस बार इस फैजाबाद लोक सभा सीट पर एससी मतदाताओं की खामोशी सियासी दलों की बैचेनी को बढ़ा रही है।ऐसे में सभी प्रमुख राजनीतिक दल एससी मतदाताओं पर डोरे डालने की कोशिश कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए फैजाबाद में 20 मई को वोट डाले जाएंगे।ऐसे में सियासी दलों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया।फैजाबाद लोक सभा के समीकरणों की बात की जाए तो यहां एससी मतदाताओं की संख्या इतनी तो है कि वह किसी भी राजनीतिक समीकरण को बना और बिगाड़ सकते हैं लेकिन इस बार एससी उम्मीदवार सामने आने से चुनाव में एससी वोट बैंक सपा की ओर खिसक सकता है।इस बार के चुनाव में एससी मतदाताओं की अहम भूमिका होगी।एससी मतदाता अभी खामोशी अख्तियार किए हुए है। एससी मतदाताओं की यह खामोशी सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को बेचैन किए हुए है। देखना है इस गणित को भेद कर कोन बनेगा फैजाबाद का सिकंदर यह तो वक़्त ही बताएगा?