टीम आईबीएन न्यूज
गाजीपुर: एक तरफ योगी आदित्य नाथ की सरकार गोवंशो के बचाव उनकी सुविधा और सुरक्षा पर लाखो रूपये हर महीने खर्च कर रही है वहीं दूसरे तरफ जिला प्रशासन से लगाये नगर पालिका, नगर पंचायत व ग्राम सभाओ को भी गोवंशों के रख रखाव व इनके साथ हो रही बर्बरता पर अंकुश लगाने के लिये सकारात्मक कार्यवाही लगातार की जाय साथ ही एक भी चिन्हित गो तस्कर अपना व्यवसाय न चला सके इसके लिये पुलिस कप्तान की ओर से हर जिले में अपने मातहतों को अलग से दिशा निर्देश दिये गये।
सारी बातों का मजाक बनाने वाला गाजीपुर जिले के सादात थाना क्षेत्र में स्थित पुलिस चौकी पर तैनात दरोगा ने सारी हदे पार कर दी। मामले की जानकारी पीड़ित ने सीटी एस0पी0 से लेकर दी है और उन्होनें इस मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिये सम्बन्धित इलाके के क्षेत्राधिकारी को निर्देश दिये है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य व भारतीय समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता मारकण्डेय सिंह सनसनीखेज आरोप लगाया। आरोपो की माने तो सम्बन्धित इलाके में चौकी इंचार्ज मखदूमपुर पर आरोप लगाया है कि सम्बन्धित इलाके में सात पशु तस्कर लगातार अपना व्यवसाय चला रहे हैं और बेजुबानों की हत्या व खरीद फरोख्त खुलेआम हो रही है। ऐसे लोगो पर पूर्व से ही तमाम आपराधिक मुकदमों के साथ गैगेंस्टर का भी मुकदमा पूर्व से पंजीकृत है।
एक पशु तस्कर के घर के उपर कुर्की की नोटिस भी चस्पा है जिसका कारण उसपर नगद इनाम होना बताया जाता है। बाहर की पुलिस भी इन पशु तस्करों के खिलाफ इसलिये कार्यवाही नही कर पाती कि उनके पहुचंने से पहले चौकी इंचार्ज खुद पशु तस्करों को सूचना देते है। यही नही जब इस बात का विरोध मैने किया तो पशु तस्करों पर कार्यवाही की बात की तो चौकी इंचार्ज ने पशु तस्करों को ही भड़का दिया और मेरे खिलाफ आपराधिक साजिश रच रहा है।
भासपा नेता ने कहा कि पशु तस्करों की सूचना देने वाले व्यक्ति की मुखबिरी कर उसे पशु तस्करों का शिकार बनाने का प्रयास करने वाले चौकी इंचार्ज से सम्बन्धित इलाके में गोवंशों के सरक्षंण व आम लोगों की सुरक्षा की उम्मीद नही की जा सकती। लेहाजा इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुये इनका कार्य क्षेत्र भी बदलना अनिवार्य है।
इस बात की सूचना भासपा नेता ने सिटी एसपी को दी जिसका संज्ञान लेते हुये उन्होंने मामले की जांच करने के लिये क्षेत्राधिकारी को नामित किया है। श्री सिंह ने साफ कहा है कि क्षेत्र में नामजद सात पशु तस्करों को संरक्षण देने का काम करने वाले चौकी इंचार्ज की शिकायत माननीय मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर भी की गयी है। देखना है अफसर जांच के बाद क्या निर्णय लेते हैं।