*ओझवलिया में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा
देवब्रत दीक्षित
देवरिया
सलेमपुर विकास खंड के ओझवलिया में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन केरल से आए श्री राघवेंद्र शास्त्री जी ने कहा की मानव जीवन में पनप रही कुरुतिया ही सर्वनाश की जड़ है।
श्री शास्त्री जी ने कहा की वासनाए दो प्रकार की होती है शुभ और अशुभ और वासनाएं प्रारब्ध बनकर जीव के साथ हमेशा रहती है। मानव जीवन में तमाम कुरीतिया पनप रही है। जिससे लगातार हानि हो रही है । मनुष्य को गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए। साथ ही भगवान का स्मरण करके जीवन को सफल बनाया जा सकता है। कथा में उन्होंने समुद्र मंथन की प्रसंग को सुनाया। इस दौरान मुख्य श्रोता गंगा शरण पाठक राम चीनी देवी अरविंद पाठक पुनीत पाठक अजय मणि त्रिपाठी संतोष जी अरुण सिंह रमेश तिवारी इत्यादि लोग मौजूद रहे।
