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सिसवा बाजार महराजगंज
कहते हैं जहां चाह वहीं राह अर्थात यदि किसी काम को करने की प्रबल इच्छा मन में हो तो व्यक्ति सारे बाधाओं को पार करके अपने मनचाहे कार्य को पूरा कर लेता है, जी हां कुछ ऐसा ही उदाहरण कारीडीहा तथा सिसवा क्षेत्र के प्रतिष्ठित डॉक्टर केसरी नंदन जो चरगावां गोरखपुर में बतौर चिकित्साधिकारी कार्यरत है अपनी लगन और बच्चों के लगातार प्रयास के बलबूते तथा भारत सरकार की मदद से कर दिखाया है ।
जैसा कि सभी को विदित है कि रूस ने यूक्रेन पर 11 दिनों पहले आक्रमण किया था और उस आक्रमण के समय करीब 20000 हजार भारतीय छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे थे जिसमें सिसवा बाजार के चार छात्र-छात्राएं दिव्या जायसवाल, हुस्नआरा ,राहुल प्रियनंदन और आकांक्षा नंदन के नाम शामिल हैं जिसमें से 2 बच्चे पहले ही आ चुके हैं।
आज राहुल प्रियनंदन और आकांक्षा नंदन दिन में करीब 12:00 बजे अपने आवास पर जैसे ही पहुंचे पूरा परिवार आत्मविबोर हो गया ।बातचीत के दौरान राहुल प्रियनंदन व आकांक्षा नंदन ने बताया कि वहां के हालात बहुत बुरे थे, कब कहां किस तरफ से बम गिर जाए किसी को पता नहीं था, सबकी सांस अटकी हुई थी लेकिन वे लगातार भारत सरकार के संपर्क में थे और आखिरकार सारी कठिन परिस्थितियों को पार करके वह सकुशल घर लौट आये। यह पूछे जाने पर कि अब वह आगे डॉक्टरी की पढ़ाई कैसे करेंगे दोनों ने बताया कि शायद सरकार के द्वारा उन्हें अपने देश मे ही डॉक्टर बनना है। इस बाबत डॉक्टर केसरी नंदन के पुत्र राहुल प्रियनंदन तथा उनकी पुत्री आकांक्षा नंदन ने सस्वर भारत सरकार की प्रशंसा की है कि वे भारत सरकार के ही बदौलत यहां लौट कर आ पाये हैं ।डॉक्टर केसरी नंदन ने विशेष रुप से भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का हृदय से आभार व्यक्त किया है।रिपोर्ट फणीन्द्र कुमार मिश्र