स्वास्तिक चिन्ह बना कर , पूजा अर्चना , दीप जलाकर कर , पूजा स्थल, घर के आंगन मे मांडना व दीवारों का पीली मिट्रटी से लीप कर आरोग्य वृद्धि की कामना
बीगोद– कस्बे के त्रिवेणी, जालिया, मालीखेडा,नयागांव, सोपुरा, खटवाडा, जोजवा, धाकड़ खैडी आदि गांवों में ग्रामीण महिलाएं धनतेरस के मौके पर अलसुबह कौसो दूर पैदल चलकर कुबेर व लक्ष्मी के प्रतीक पूजा अर्चना कर कस्बे के समीप खदान से पीली मिट्रटी को घर पर लेकर आती।
सोना, चांदी जेवरात खरीदने की परम्परा के साथ घर पर पीली मिट्टी लीप कर स्वास्तिक चिन्ह बना कर दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना कर पूजा स्थल लीप कर लक्ष्मी वास किया गया। घर के आंगन दीवारों का पीली मिट्टी से लीप किया।
जितनी अधिक पीली मिट्टी लाते हैं उतनी घर में सम्पता, आरोग्य, सुख समृद्धि होती ऐसी मान्यता है। रविवार से धनतेरस , सोमवार को रूपचौदस, दीपावली, भैया दूज त्यौहार उत्साह,
समपन्नता, आरोग्य वृद्धि से मनाते। इन आतिशबाजी, लाईटिंग ,साज सजावट कर घर आरोग्य वृद्धि की जाती घरो मे पूर्वजो को याद किया जाता।
धनतेरस को लेकर बाजार मे सुबह सोने, चांदी, जेवरात, फूल मालाओं, रेडिमेड, ब्यूटी पार्लर, किराना व्यवसायी, मिठाइयों की दुकानों खासी भीड रही।त्योहार उत्सुकता को लेकर खरीदारी मे मशगूल रहे।
दीपावली पर्व को लेकर चमन चौराहे क्षैत्रों मे पुलिस जाप्ता तैनात रहा। (फोटो कैप्सन– 1-लक्ष्मी, कुबेर प्रतीक पीली मिट्रटी लाती महिलाएं
2- फूल मालाओं साजो समान सजे, धजे रहे बाजार)
फोटो-प्रमोद कुमार गर्ग