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भारतीय उच्च शिक्षण संस्थाओ में रिसर्च-फंडिंग की अपार सम्भावनाए: डॉ प्रशांत सिंह, फुलब्राइट -फेलो, जॉन कैरोल यूनिवर्सिटी, यूएसए

रिपोर्ट योगेश श्रीवास्तव

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के यूजीसी, ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर व इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी सेल के संयुक्त तत्वाधान में ‘सप्त-दिवसीय ऑनलाइन प्रोफेशनल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम’ के तृतीय दिवस में, प्रो दिनेश यादव, संयोजक के स्वागत भाषण के उपरांत, सूचना के अधिकार-अधिनियम व प्राध्यापकों की भूमिका पर प्रो अहमद नसीम, फैकल्टी ऑफ़ लॉ, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर द्वारा व उच्च शिक्षण संस्थाओ में रिसर्च-फंडिंग की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सम्भावनाओ पर, डॉ प्रशांत सिंह, डिपार्टमेंट ऑफ़ बॉटनी, बीएचयू, फुलब्राइट -फेलो, जॉन कैरोल यूनिवर्सिटी, यूएसए द्वारा व्याख्यान दिया गया ।

 

डॉ प्रशांत सिंह ने अपने व्याख्यान में विश्वविद्यालयीय परिवेश को दृष्टिगत रखते हुए रिसर्च-फंडिंग की राष्ट्रीय एजेंसीज यथा डीएसटी, एससीआरबी, डीब टी, इसरो, सीएसआईआर आदि द्वारा मद प्राप्त करने की प्रक्रियाये तथा इन्ही एजेंसीज द्वारा अन्तराष्ट्रीय विश्वविद्यालयो के बाईलेटरल प्रोग्राम के बारे में बताया, जिसका लाभ लेकर उच्च शिक्षण संस्थाओ के शिक्षक अपने शोध का उन्नयन कर सकते है। इसी क्रम में उन्होंने अल्पसंख्यक संवर्ग, अनुसूचित-जाति जनजाति संवर्ग के शिक्षको की विशेष योजनाओ को प्रशिक्षण से जुड़े हुए फैकल्टी के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि किस तरह से महिला-शोधार्थियो में विवाहोपरांत अथवा किसी अन्य कारण से जो शैक्षणिक गैप-पीरियड आता है, उनके लिए सरकार विशेष रिसर्च-फंड की योजनाये संचालित करती है , जिसकी मदद से महिला-शोधार्थी अपने करियर को पुनर्जीवन दे रही है। अपने अंतराष्ट्रीय शोध के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने शोध-प्रबंध में आने वाली समस्याओ के निराकरण से सम्बंधित जानकारी भी साझा की।

कार्यक्रम के तृतीय दिवस का समापन डॉ सचिन कुमार सिंह व डॉ तुलिका मिश्र ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओ धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया ।

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