संवाददाता मुदस्सिर हुसैन IBN NEWS मवई अयोध्या
18/11/2021 मवई अयोध्या – कहा तो था,उजाला शहर के लिए मगर मयस्सर नहीं रोशनी हर घर के लिए।किसी शायर की यह पंक्तियां दूरसंचार विभाग की कार्य शैली पर सटीक बैठ रही हैं।
सरकार की मंशा थी कि शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संचार क्रांति का लाभ पहुंचाया जाए,और उसने इस नीति को अमली जामा पहनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार केंद्रों की स्थापना की,जिससे उपभोक्ताओं को अच्छी सुविधा मिले,किन्तु इन केंद्रों को सुचारू संचालन न हो पाने के कारण इन केंद्रों की उपादेयता पर सवालिया निशान लग गया है। यह िस्थत है मवई ब्लॉक के अन्तर्गत दूरभाष केंद्रों की,जिसके तहत स्थापित यह दूरसंचार केंद्रों पर नियुक्त कर्मचारियों की निरंकुशता के कारण शो पीस बन कर रह गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इसे वरदान कहा गया,क्यों कि डाक विभाग के घटते काम काज से अब सारी आर्थिक व्यावसायिक,राजनीतिक,संदेशों व सूचनाओं का आदान प्रदान इसी पर निर्भर हो गया है। प्राइवेट सेक्टर से लेकर सरकारी काम काज आज नेट से ही हो रहा है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों से खाड़ी देशों में रहने वाले लोग भी अपने सगे संबंधियों से इसी के माध्यम से संवाद करते हैं। किन्तु ब्लॉक के अन्तर्गत स्थापित नेवरा,मवई,बाबा बाज़ार, दूर भाष केंद्रों के तमाम उपभोक्ता बीएसएनएल की बाधित सेवा से त्रस्त हो चुके हैं। आपको बता दें कि करीब एक हफ्ते से दूरभाष केंद्रों की अव्यवस्था व कर्मचारियों की निरंकुशता से आए दिन नेटवर्क सिस्टम बाधित रहता है।
आज बीएसएनएल की सेवाएं बिल्कुल बनिए की दुकान बन गई हैं। क्यों कि इस पर तैनात कर्मचारियों की मन मर्जी से दूरसंचार केंद्र खुलता व बंद होता है, सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है कि ब्लॉक मवई क्षेत्र के अन्तर्गत तीन बीएसएनएल केंद्र आते हैं,और उन तीनों दूरभाष केंद्रों की जिम्मेदारी केवल एक ही कर्मचारी पर निर्भर है। इसका पूरा फायदा उठाते हुए कर्मचारी अपने मन मर्जी से इन केंद्रों पर आते जाते हैं। जिसका परिणाम है कि आज बीएसएनएल की सेवाएं सबसे बदतर है। दूर संचार की इस ज्वलंत समस्या के निराकरण के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा जिससे बीएसएनएल उपभोक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।