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लखनऊ:-डब्ल्यूडी में आगे भी जारी रखी जाएगी तबादले की पारदर्शी व्यवस्था विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के निर्देशों के मुताबिक वीडियोग्राफी कराई गई

ibn news team

लखनऊ: 01 जुलाई, 2023

लखनऊ। पिछले वर्षों में तबादले में हुई गलतियों से सीख लेते हुए लोक निर्माण विभाग ने इस बार तबादले में जो पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई उसकी वजह से कोई विवाद सामने नहीं आया। कर्मचारी नेता भी तबादले की प्रक्रिया से पूरी तरह संतुष्ठ हैं। विभाग ने तय किया है कि भ्रष्टाचार मुक्त, निष्पक्ष व पारदर्शी तबादला प्रक्रिया को आगे भी जारी रखा जाएगा। सही मायने में जो कर्मचारी तबादला नीति के मानक में आएंगे सिर्फ उन्हीं के तबादले किए जाएंगे।
पिछले साल तबादले को लेकर उठे सवाल और कार्यवाहियों से सबक लेते हुए वीडियोग्राफी के बीच मेरिट आधारित ऐच्छिक विकल्प लेकर तबादला सूची तैयार करने का फैसला लिया गया। विभागीय उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में तबादले की श्रेणी में आने वाले जूनियर इंजीनियर और इंजीनियरों को बुलाकर विकल्प लिए गए। विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद के कड़े निर्देशों का ध्यान रखते हुए विभागाध्यक्ष एके जैन तबादले की प्रक्रियाओं में लगातार जुटे हुए थे। प्रमुख सचिव अजय चौहान भी लगातार पूरी प्रक्रिया की मानीटरिंग में लगे रहे। तबादला प्रक्रिया में जिन मुद्दों पर आपत्तियां आईं उन्हें मौके पर दुरुस्त करने का काम किया गया। संघ के पदाधिकारियों को भी सामने रहकर पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने का मौका दिया गया।
मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टालरेंस की नीति के अनुपालन और लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद के कुशल निर्देशन में लोक निर्माण विभाग में इस वर्ष स्थानान्तरण नीति- 2023-24 के तहत पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ तबादला किए जाने का इतिहास बना है। भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से इस स्थानान्तरण व्यवस्था पर लोक निर्माण विभाग के अभियन्ताओं ने खुशी एवं सन्तोष व्यक्त किया। प्रदेश के अन्य विभागों द्वारा भी स्थानान्तरण की इस व्यवस्था की सराहना की जा रही है। मेरिट के आधार पर पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से काउंसिलिंग व्यवस्था द्वारा 49 अधिशासी अभियन्ताओं एवं 136 सहायक अभियन्ताओं तथा 190 अवर अभियन्ता (सिविल), 16 अवर अभियन्ता (विद्युत/याँत्रिक) एवं 19 अवर अभियन्ता (प्राविधिक) द्वारा मेरिट के आधार पर चुने गये विकल्प के अनुसार स्थानांतरण किया गया।
प्रमुख अभियंता (ग्रामीण सड़क) वी०के० श्रीवास्तव ने बताया की मेरिट आधारित काउंसलिंग व्यवस्था के तहत स्थानान्तरित 136 सहायक अभियन्ताओं में से ऐसे सहायक अभियन्ता जिनकी सेवा निवृत्ति 02 वर्ष के अन्दर होनी है, उन्हें ऐच्छिक स्थान चुनने अथवा उसी स्थान पर रूके रहने का विकल्प चुनने का अधिकार भी दिया गया। 02 वर्ष के अन्दर सेवा निवृत्ति होने वाले सभी सहायक अभियन्ताओं ने ऐच्छिक विकल्प चयनित कर ऐच्छिक स्थान प्राप्त किया।

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