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कोविड -19 महामारी के दृष्टिगत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का किया गया आयोजन

ब्यूरो चीफ मुकेश मिश्र

अंबेडकरनगर 23 मार्च – पदमनारायण मिश्र, जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण विषय पर प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं निरीक्षण कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जारी दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण में गिरिजा शंकर यादव, कारापाल, जिला कारागार अम्बेडकरनगर, श्री राजेश कुमार, उपकारापाल, जिला कारागार, अम्बेडकरनगर द्वारा उक्त शिविर में प्रतिभाग किया गया।

शिविर को सम्बोधित करते हुये प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि प्रकृति द्वारा मानवता के लिये जल एक अनमोल उपहार है। जल की वजह से ही धरती पर जीवन संभव है। जल संरक्षण का अर्थ है जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई एवं कृषि आदि के लिये अवशिष्ट जल का पुनः चक्रण करना स्वच्छ जल की आवश्यकता आज विश्व में सभी को है तथा जल का अभाव एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है।

इस भीषण समस्या से अकेले या कुछ लोग नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर लोगों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। भविष्य में जल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिये जल संरक्षण ही जल बचाना है। भारत और विश्व के दूसरे देशों में जल की भारी कमी है जिसकी वजह से आम लोगों को पीने और खाना बनाने के साथ ही रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने के लिये जरूरी पानी के लिये लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है जबकी दूसरी ओर पर्याप्त जल के क्षेत्रों में अपने दैनिक जरूरतों से ज्यादा पानी लोग बर्बाद कर देते हैं। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबन्धित समस्याओं को समझना चाहिये हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिये तथा लोगों के बीच जल संरक्षण को और बढ़ावा देना चाहिये।

यह बिल्कुल स्पष्ट है धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिये जल बहुत ही जरूरी है। इसलिये हमें धरती पर स्वच्छ जल के महत्व को समझना चाहिये और पूरी कोशिश करनी चाहिये की हम पानी की बर्बादी करने के बजाय उसे बचाये हमें अपने स्वच्छ जल को औद्योगिक कचरे, सीवेज, खतरनाक रसायनों और दूसरे गंदगियों से गंदा होने और प्रदूषित होने से बचाना चाहिये। पानी की कमी और जल प्रदूषण का मुख्य कारण है हमेशा बढ़ती जनसंख्या और तेजी से बढ़ता औद्योगीकरण और शहरीकरण है। स्वच्छ जल की कमी के कारण निकट भविष्य में लोग अपनी मूल जरूरतों को भी पूरा नहीं कर सकते हैं, देश के कुछ राज्यों में भारी जलसंकट की स्थिति है तथा लोगों को जल की उपलब्धता बिल्कुल नहीं है, जल की आवश्यकता हमें हमेशा है इसलिये इसको बचाने के लिये हम ही जिम्मेदार हैं और हमें इसके लिये हरसंभव प्रयासरत रहना होगा तथा औरों को भी जागरूक करना होगा।

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