बीगोद– समीपवर्ती होडा ग्राम में पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए सजे धजे बैल बैलगाड़ी पर मायरा भरने प्रेतृक गांव होडा से होडा पहुंचे।
मायरा लेकर भरने आये पैतृक गांव होडा में भेरू जी गुर्जर, श्याम जी गुर्जर, मोहन जी गुर्जर महावीर जी, नारायण जी गुर्जर के यहां से मायरा दस बैल गाड़ियों को सजा कर बैलगाड़ियों मे सवार होकर साथ मे क्षैत्रीय विधायक गोपाल खंडेलवाल, महिलाएं, पुरुष, बच्चे आदि बैलगाड़ी पहियों की छुक छुक आवाज के साथ डीजे की धुन पर नाचते, गीत गुनगुनाते कुछ पैदल भी चल रहे थे।
पुराने जमाने के रीति रिवाज अपनाते हुए लग्जरी गाड़ियां छोड़कर बैल गाड़ियों द्वारा यह मायरा पेतृक होडा ग्राम से होडा मायरा गायत्री देवी पत्नी हरिओम जी गुर्जर होडा से लेकर घर पहुंचे ।
बुजुर्गों ने युवाओं को पुराने रीति-रिवाजों के बारे में बताया इस दौरान उनकी बहन परिवार के सदस्य उनका स्वागत करने पहुंचे। इस दौरान मोबाइल में फोटो खींचकर बैलगाड़ी को कैद कर लिया पूरे रीति रिवाज से बहन ने तिलक लगाकर भाइयों का स्वागत सत्कार किया भाइयों ने कहा कि वे लोगों से यह संदेश देना चाहते हैं कि शादियों में कम बजट से पारंपरिक पुराने ढंग से बिना अनावश्यक खर्च के आयोजित किया जाना चाहिए ।(फोटो कैप्सन– बैलगाड़ीयो पर सवार होकर बहिन का मायरा भरने जाते साथ में विधायक गोपाल खंडेलवाल)
फोटो प्रमोद कुमार गर्ग