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संस्कृत में ही संस्कृति निहित है- अश्वनी कुमार तिवारी

( बलिया ) बुधवार को नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में संस्कृत दिवस समारोह मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बलिया जिले के प्रशासनिक अधिकारी श्री अश्वनी कुमार तिवारी ने कहा कि हमारी संस्कृति व संस्कार संस्कृत भाषा में निहित है। सबसे प्राचीन व वैज्ञानिक भाषा है। यह हमारी देववाणी है। संस्कृत ने हमें गीता, पुराण, उपनिषद, आयुर्वेद आदि सबकुछ दिया है। अतः हम सभी को संस्कृत भाषा को पढना लिखना चाहिए।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संस्कृत भारती गोरक्ष प्रान्त के मंत्रों श्री नागेश जी ने कहा कि संस्कृत सबकी भाषा है। संस्कृत अन्त्यन्त सरल सरस एवं मधुर भाषा है। संस्कृत को मात्र दो महीनों में बोला जा सकता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये नागाजी स.वि.म.व.मा.विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अरविन्द सिंह चौहान ने कहा कि संस्कृत भाषा संस्कारों की भाषा है। हमारी संस्कृति क्रियाकलाप को प्रखर बनाती है। अतः हमें संस्कृत सीखनी चाहिए।

 


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये विद्यालय के प्रबन्धक श्री अनिल सिंह ने कहा कि संस्कृत देववाणी है। संस्कृत में जो बोलते है वही लिखते है। इसका व्याकरण व साहित्य परिपूर्ण है। इसके संरक्षण में हम सभी को आगे रहना चाहिए।
कार्यक्रम में श्री श्रीप्रकाश ओझा जी, श्री शक्ति सिह जी, श्री दुर्गेश सिंह जी आदि गणमान्य रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ वन्दना व समापन कल्याण मंत्र से हुआ।

रिपोर्ट वरुण चौबे ब्यूरो बलिया 

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