( बलिया ) पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के नेतृत्व मे कलेक्ट्रेट पहुँचे छात्रों ने जम कर नारेबाजी किया | छात्र नेताओं का आरोप है कि विगत 16 अगस्त को जिलाधिकारी को सौंपा गए पत्रक पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।जिसके माध्यम से सदर अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार और दुर्व्यवस्था से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया था |
छात्रों को संबोधित संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नु ने आरोप लगाया कि भ्रस्टाचार में लिप्त चिकित्सको का आलम यह है कि वह अपने डियुटी के समय पर चिकित्सा कक्ष में न बैठकर प्राईवेट प्रैक्टिस करते है | साथ ही मरीजों की हकों की बात के लिए छात्र नेता आदित्य प्रताप सिंह योगी एवं सूरज गुप्ता सदर अस्पताल के सीएमएस से मिलते है तो उन्हें डाक्टरों के अनुपस्थिति बताया जाता है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वाराअमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है | छात्र नेताओ को फर्जी मुकदमा भी कायम कराते है आखिर किस प्रकार के सीएमएस होने का वे परिचय दे रहे है |
अगर डॉक्टर साहब अपनी सीट पर बैठ गए तो गरीब असहाय मरीजों को बाहर का दवा लिखना, बाहर से जांच लिखने और कमिशन की दवा लिखकर मरीजों का आर्थिक दोहन किया जाता है। अगर गलती से मरीज कोई दूसरे दुकान से जांच एवं दवा लाता है तो अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए अपने चिकित्सक कक्ष पहले से मौजूद दलालों की मदद से उन्हें भगा दिया जाता है |जिसे लेकर आम लोगों मे रोष व्याप्त है | उसके बाद छात्रनेताओ ने जिलाधिकारी के समक्ष अपनी पांच सूत्री मांगो को रखा | जिसमे सीएमएस पर मुकदमाका सेवा काल पूरा कर चुके हो दर्ज हो और सीएमएस को तत्काल निलम्बित किया जाने, सरकारी डॉक्टरों का प्राइवेट प्रैक्टिस बंद हो छात्र नेताओ पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस हो |अंत मे छात्रनेताओ ने कहा की उक्त मांगो को जल्द से जल्द पुरा किया जाए अन्यथा हम लोग आंदोलन करने को मजबुर होंगे।
रिपोर्ट वरुण चौबे ब्यूरो बलिया