बारावफात पर याद किये नबी के संदेश
अहरौरा – मीरजापुर ।इस्लाम के अनुयायियों ने चांद को देखते हुए कैलेण्डर बनाया है जिसके आधार पर तारीखों में दर्ज अपने नबी के आदेश व संदेश को याद करने हेतु उस दिन को त्योहार के रूप में मनाते हैं। बारावफात अर्थात् ईदमिलादुन्नबी भी खास त्योहार इस्लाम अनुयायियों के लिए है क्योंकि यह चांद की 12 तारीख को मनायी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस्लाम के बानी हजरत मुहम्मद साहब की इस दिन पैदाइश हुई और इसी दिन ही आप दुनिया से रूखसत भी हुए। एक ओर आगमन से खुशी मिलती है तो दूसरी ओर रूखसती दुख देती है। ऐसे में यह त्योहार गम और खुशी दोनों होता है। अहरौरा थाना अंतर्गत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र पट्टीहटा, नान्हक बाबा चौक और बाराडीह में जुलूस की शक्ल में मुस्लिम समुदाय इकट्ठा हुए तथा नारेबाजी करते हुए अपने अपने क्षेत्रों में भ्रमण किये। शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए थाना प्रभारी मनोज ठाकुर, चौकी प्रभारी इमलिया चट्टी विमलेश सिंह, चौकी प्रभारी बूढ़ादेई आलोक कुमार सिंह, एस आई सतीश सिंह, सूरजबली, जयप्रकाश, तेजबहादुर राय सहित भारी फोर्स बल उपस्थित रहा। हजारों मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच मुहम्मद साहब के संदेशों को याद किया गया। लगभग साढ़े चौदह सौ साल पहले 20 अप्रैल 571 ईसवी पीर के दिन सुबह अरब देश के मक्का शहर में आमना खातून के मुबारिक शिकम से मोहम्मद साहब पैदा हुए थे। मुहम्मद साहब के संदेश गरीबों और मजलूमों की मदद करने की बात पर अमल करने की हिमाकत की गई।
जुलूस के दौरान शामिल थाना प्रभारी का हेलमेट लगाकर ड्यूटी करना कहीं न कहीं प्रशासनिक अमले में सुरक्षा के बेहतर इंतजामात की ओर इशारा करता है क्योंकि यह बारावफात में अहरौरा बाज़ार के लिए पारम्परिक नहीं था।
रिपोर्ट हरि किशन अग्रहरि ibn24x7news मिर्जापुर