रिपोर्ट प्रमोद कुमार गर्ग IBN NEWS बिगोद राजस्थान
आजादी के बाद से संचालित वर्षों पुराना पशु चिकित्सालय विस्तार की राह देखता सुविधाओं के अभाव में पशुपालक पशुओं के ईलाज के लिये दर-दर भटक कर परेशान होते हैं संबंधित विभाग का कोई ध्यान नहीं है बीगोद– कस्बे के भीलवाड़ा मार्ग पर तेजाजी मंदिर के परिसर के पास आजादी के बाद बर्षो से छोटे से 2 कमरों में संचालित है जो कि झज्जर अवस्था होने के साथ बारिश के दिनों में कमरों से पानी टपकता रहता जिससे पशु चिकित्सालय बैठने व ईलाज करने जगह नही रहती है। बारिश मे कमरों की छतों व दिवार दरारें से पानी टपकने से पशु सम्बंधित दवाइया व औजार खराब होकर जंग लग जाता जिससे पशु चिकित्सक को जानवरों का ईलाज करने मे परेशानी होती।
दूसरा समय समय सरकार द्वारा योजना चलायी जाती जिसका लाभ नहीं मिल पाता।पशु चिकित्सालय को लेकर सम्बंधित विभाग, क्षैत्रीय विघायक, जनप्रतिनिधियों दर किनार कर ध्यान नहीं देने पशु पालक, पोलट्री फार्म, गौशाला वाले पशुओं के ईलाज से महरूम रहते है जिससे पशुओं को अपनी जान गंवानी पडती है ।दूसरा पशु चिकित्सालय को देखने से घर जैसा लगता है, पशु चिकित्सा लय का निदेशक बोडं ऐसी जगह लगा हुआ देखने नाम भी स्पष्ट नही नजर आता व पता नही लगता। बहार से देखने पर, पशु चिकित्सालय के सामने मेगा हाईवे रोड निकलता है जिससे बड़े जानवरों का इलाज करने के लिए जगह नहीं मिल पाती है व यातायात के साधनों के गुजरने से आवाज से जानवर इलाज कराए बिना इधर उधर भाग जाते हैं जिससे पशु चिकित्सक को इलाज में परेशानी होती है।
जनप्रतिनिधि व आमजन ने कई बार विभाग को अवगत कराया गया लेकिन ध्यान नही देने से ढाक के तीन पात है पशु चिकित्सालय झज्जर अवस्था में होने से कभी भी हादसे को निमंत्रण दे सकता है।क्षैत्र का प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय होने के बाद सुविधाओं को तरसता है। आसपास के क्षेत्रों में रेगिस्तान का जहाज ऊट, गाय, भैंस, बकरी, मुर्गा, पशु पक्षी, बकरा, कुत्ता, गौशाला, पोलट्री फार्म आदि अलग जाति पशु बहुयात मात्रा में क्षैत्र मे है मौसम के अनुसार एकदम बीमारी की मार से पशुओं को काल ग्रास भी बनना पडता है। जिसका कोई धनी धोरी नही हैं। पशु चिकित्सालय ऐसी जगह होने से वर्षों बाद भी पशु चिकित्सालय की आमजन को जानकारी नहीं है। दूसरा प्रथम श्रेणी चिकित्सालय मे एक पशु चिकित्सक, पशु कम्पाउंडर जो क्षैत्र के ऐरिया को देखेतो स्टाफ बहुत कम है।क्षैत्र मे पशु पालको व ग्रामीणों को जिससे पूरा ईलाज नही मिल पाता। क्षैत्र प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय होने के बाद भी जमीन व क्षैत्र फल का अभाव है ।
क्षेत्रफल वाला पशु चिकित्सा कमी , पशुओं चिकित्सक की कमी, पशुओं ईलाज के औजारों की कमी, दवाइयों कमी आदि होने से पशुपालक पशुओं के इलाज से महरूम होना पड़ता है ग्रामीण लोगों ने सरकार, विभाग, क्षैत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधि से पशु चिकित्सालय के लिये क्षैत्रफल मे सरकारी जगह दिलाने ,पशु चिकित्सालय नयी बिल्डिंग बनाने, की मांग की ताकि पशु पालकों, आमजन को सुविधा मिल सके जिससे पशुओं, पक्षियों को ईलाज से महरूम होकर मरना ना पडे। (पशु चिकित्सालय झज्जर स्थिति में है , घास फूस उगी हुयी है
चिकित्सालय की जगह प्रोग्रेस में है प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में कर्मचारियों की कमी के साथ कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा फ्री है ।सरकार द्वारा कुछ दवाइयां आती जो पशुओं को फ्री दी जाती है ” पशु कंपाउंडर उदय लाल धाकड़ बीगोद”) (पशु चिकित्सालय में बैठने की जगह का अभाव ,बिल्डिंग झज्जर अवस्था में, चिकित्सालय की बिल्डिंग के लिये 22 जून को आवंटन हो गया। इस संबंध में तहसीलदार को लेटर लिखा, पटवारी को सूचित किया गया, नामांतरण ,सीमा ज्ञान, अलॉटमेंट अभी होना बाकी है ।आगे की कार्रवाई तभी हो पाएगी। प्रथम श्रेणी चिकित्सालय में पांच पोस्ट है जिसमें से वरिष्ठ पशु चिकित्सक, वरिष्ठ पशुधन चिकित्सक, सफाई कर्मचारी पोस्ट खाली है। ” वरिष्ठ पशु चिकित्सक शैलेश मेवाड़ डा बीगोद