बीगोद — प्रदेशभर के 17 हजार प्रेरकों को स्थायी रोजगार व संविदाकर्मियों में शामिल करते हुए नियमितीकरण करने की मांग को लेकर प्रेरक संघ के बेनर तले 24 नवम्बर 2022 को प्रेरक जयपुर में धरना प्रदर्शन करेंगे जिसमें राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों के प्रेरक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
समीपवर्ती मालीखेडा के नंदकिशोर जागिड ने बताया किप्रेरक संघ के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल वर्मा द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रदेशभर की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक महिला व एक पुरुष प्रेरक अत्यन्त अल्प मानदेय में वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे उन्हें यह आस थी कि कोई सरकार इनकी सुध लेगी और इन्हें स्थायी रोजगार मिलेगा लेकिन न तो बीजेपी और न ही कॉग्रेस सरकार ने इनकी सुध ली।आज ये प्रेरक दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
प्रेरक शहीद स्मारक से सिविल लाइंस तक रेली निकालकर माननीय मुख्यमंत्री तक अपनी मांगों को पहुंचायेंगे फिर भी मांगे नहीं मानी गयी तो शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरु किया जाएगा। इससे पहले प्रेरक 9 नवम्बर को पूरे प्रदेश के सभी ब्लॉकों में एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन करेंगे और उपखण्ड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत ने अपने प्रथम कार्यकाल में 10 जुलाई 2003 को पूरे प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय एवं वाचनालय खोलकर इनके संचालन की जिम्मेदारी बिना किसी मानदेय के प्रेरकों को दी थी।
साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल में इन्हीं पुस्तकालयों के संचालन के लिए राज्य सरकार की तरफ से 500 रुपये प्रति प्रेरक मानदेय की शुरुआत भी की थी जिन्हें 31 मार्च 2018 को बन्द करके प्रदेश के 17 हजार प्रेरकों को बेरोजगार कर दिया गया।
इन पुस्तकालयों के 500 रुपये के अलावा प्रेरक केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रुप से चलने वाली साक्षर भारत योजना में भी काम करते थे जिन्हें 2 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाता था।राज्य सरकार की उदासीनता के चलते प्रेरक पिछले 55 माह से बेरोजगार हैं।
प्रदेश में वर्षों तक साक्षरता की अलख जगाने वाले प्रेरकों का जीवन आज अन्धकार में है।
प्रेरक संघ द्वारा बार बार ज्ञापन दिए गये लेकिन सरकार ने प्रेरकों की मांगों को नहीं सुना, इसलिए प्रेरकों ने आन्दोलन का निर्णय किया है।