रिपोर्टर सौरभ पाठक IBN NEWS बरेली
फतेहगंज पश्चिमी- ईद उल फितर को मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है रमजान पूरे होने के बाद मनाई जाने वाली वाली इस ईद को मीठी ईद भी कहते हैं।
लॉकडाउन की वजह से इस बार भी ईद की रौनक 2020 की तरह फीकी ही रहेगी और ऐसा दूसरी बार होगा घरों में रहकर ईद की नमाज अदा की जाएगी और त्योहार मनाया जाएगा
जामा मस्जिद गौसिया मस्जिद सहित सभी मस्जिदों में सिर्फ गिनती के लोग नमाज अदा करेंग जिस तरह अलविदा जुमे की नमाज अदा की गयी।
ईद को लेकर इस बार बाजारों में रौनक नहीं है लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद पड़े हैं सुबह 6 से 11 बजे तक मिलने वाली छूट के दौरान आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोली जा रही हैं जबकि हर वर्ष रमजान माह में देर रात तक बाजार खुलते थे चांद रात पर तो पूरी रात बाजारों में रौनक रहती थी
ईद पर बाजारों में करोड़ों रुपये का व्यापार होता था मुस्लिम समाज के लोग नए कपड़े जूते चप्पल शीर बनाने के लिए मेवे एवं तमाम अन्य सामान खरीदते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
व्यापारी मोहम्मद अमान अजहरी ने बताया कि कोरोना कहर के कारण ईद पर व्यापारियों का मोटा नुकसान हुआ जब बाज़ार ही नहीं खुल रहा तब लोग ख़रीदारी कहाँ से करेंगे
अधिवक्ता इमरान अंसारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे नाजुक हालातों में घरों में रहकर ही ईद की नमाज अदा करें साथ ही देश से कोरोना के ख़ात्मे की दुआ जरुर करें।