रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह ने आज विश्विद्यालय द्वारा शुरू किये गए नए कृषि संकाय में चल रहे पाठ्यक्रमों के पठन-पाठन एवं सेमेस्टर एग्जाम के बारे में कोऑर्डिनेटर एवं शिक्षकों से विस्तृत चर्चा की।
कृषि की सेमेस्टर परीक्षायें आईसीएआर के द्वारा तय गाइडलाइंस के अनुसार ही कराई जायेगी।
कृषि के समन्वयक प्रो अजय सिंह ने कहा कि 85 फीसदी से अधिक कोर्स पूरा हो गया है। जनवरी के आखिरी सप्ताह तक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर विभाग तैयार है। लैब, शिक्षक कक्ष का निर्माण तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही गेस्ट फैकल्टी के रूप में शिक्षकों को तैनाती दी गई है। कक्षाओं का सुचारू रूप से संचालन किया हा रहा है।
कृषि संकाय के कोऑर्डिनेटर को कहा गया कि वो सलाहकार समिति के गठन का प्रस्ताव भेजें।
कुलपति ने कहा कि कृषि में संचालित कोर्स को आईसीएआर के मानकों के अनुरूप मेजर और माइनर कोर्स को बोर्ड ऑफ स्टडीज से अनुमोदन कराकर भेजे जिससे अगले सेमेस्टर में हम कोर्स को और समृद्ध कर सकें।
उन्होंने कहा कि कोर्स के संचालन के साथ पठन पाठन की व्यवस्था को बेहतर बनाने की हर संभव कोशिश की जाएगी। विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शोध और सुविधाएं देने के लिए हम तैयार हैं।
यह बात स्पष्ट करने की है कि आईसीएआर की गाइडलाइंस कृषि शिक्षा 2018 के मानकों पर, जिसके अनुसार आईसीएआर एक्रेडिटेशन कराया जाता है के अनुसार तीन विश्विद्यालय नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, काशी हिन्दू विश्विद्यालय तथा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंस, नैनी, प्रयागराज कृषि पाठ्यक्रमों की डिग्री दे रहे हैं। अब चौथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय हो गया है। और जल्द ही इससे संबध्द बीआरडी कॉलेज देवरिया, तथा नेशनल पी जी कॉलेज बड़हलगंज को भी आईसीएआर एक्रेडिटेशन सिस्टम में लाया जायेगा।
इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एंड नेचुरल साइंसेस पूर्वांचल क्षेत्र के लिए एक उपयोगी संस्थान के रूप में आने वाले समय मे उभर कर आयेगा।