मुदस्सिर हुसैन।। IBN NEWS
मवई अयोध्या – सरकार जनता को बेहतर इलाज व सुलभ चिकित्सा पूर्ति कराने की मंशा ग्रामीण अंचलों में स्थापित सरकारी अस्पतालों में अनिवार्य रूप से निर्धारित अवधि तक तेनात करने की कटिबद्धता प्रकट कर रही है, साथ ही गांवो में झोला छाप डॉक्टरों पर भी लगाम लगाने के निर्देश दे रही है।
प्राइवेट परैक्टिस पर प्रतिबंध लगाने के उद्देश्य से सरकारी डॉक्टरों की नान प्रेक्टिस एलाउंस भी दे रही है। ताकि यहां डॉक्टर पूरे मनोयोग से जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करे,किन्तु सरकार के उक्त समस्त उपाय निर्मूल साबित हो रहे हैं।
किन्तु सरकार की जन उपयोगी इस नीति का लाभ जनता को हासिल नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति है मवई ब्लॉक के अन्तर्गत सरकारी अस्पतालों का जहां मरीज तो दर किनार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वयं रोग ग्रस्त चल रहा है। और इन पर नियुक्त डॉक्टर या तो खाना पूर्ति कर समय बिता रहे हैं। बताते चलें कि मवई सीएचसी पर दंत्त चिकित्सक की पोस्टिंग कर दी गई,लेकिन अस्पताल में दातो से संबंधित उपकरण व मशीनें उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे दांत के मरीज सीएचसी मवई पहुंचते हैं तो मशीनों व उपकरण का हवाला देकर डॉक्टर साहब पल्ला झाड़ लेते हैं।
ऐसे में मरीज का उपचार कैसे हो सकता है। फिर वही मरीज झोला छाप डॉक्टरों से उपचार कराने पर मजबूर हो जाता है, जहां उसको दुगने पैसे खर्च करने पड़ते हैं। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के क्रिया कलापो की स्वयं समीक्षा व अनुश्रवण कर संबंधित अधिकारियों को ग्रामीण अंचलों के सरकारी अस्पतालों में जनता की सुगम स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने व डॉक्टरों को समयबद्ध रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि अस्पताल है, डॉक्टर है,किन्तु जब अस्पतालों में मशीनें व उपकरण नहीं होंगे तो मरीज इलाज कैसे कराएगा।
इसी सत्यता को जानने के लिए जब हमारे IBN NEWS के संवाददाता सीएचसी मवई पहुंचे हैं तो उन्हें सबसे पहले दन्त चिकित्सक का कक्ष मिला, जिसके बाहर कई मरीज खड़े मिले जब उनसे इस सबंध में जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया हम लोग दांत दिखाने आय है, लेकिन यहां न ही उपकरण है और न ही मशीनें, जिससे आए हुए मरीजों को इलाज किया जा सके, मजबूर होकर मरीज वापस लौट जाते हैं। सरकार ने डॉक्टर की पोस्टिंग तो कर दी, मशीनें व उपकरण उपलब्ध नहीं कराए, जिससे मवई सीएचसी पर दांतों के मरीजों का इलाज हो सके।