रिपोर्ट ब्यूरो
गोरखपुर। नौजवान भारत सभा की तरफ से प्रेमचंद के जन्मदिवस (31जुलाई) पर बिछिया अरविंद स्मृति पुस्तकालय पर ‘कहानी पाठ और बातचीत’ का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ठाकुर का कुआं, महाजनी सभ्यता, बड़े भाई साहब, कफ़न, बूढ़ी काकी आदि कहानियों का पाठ किया गया। नौजवान भारत सभा के विकास ने कहा कि प्रेमचंद सही मायनों में जनता के लेखक थे।
घोर गरीबी में जीते हुए भी उन्होंने देश को साहित्य की अमूल्य निधि प्रदान की और एक सच्चे कलाकार की तरह यथार्थ का पुनसृजन किया। राष्ट्रीय आंदोलन में जलियांवाला बाग हत्याकांड और असहयोग आंदोलन के छिड़ने पर प्रेमचंद ने अपनी 20 साल की नौकरी पर लात मार दी और आंदोलन में सक्रिय भागीदारी किया। दूसरी बात प्रेमचंद की महानता इस बात में है कि आज से 80-90 साल पहले के उन्होंने भारतीय समाज के बारे में जो प्रेक्षण किए थे उनमें से कई आज भी लागू होते हैं
कार्यक्रम में प्रतिभा, मुकेश, दीपक, माया, अंजली, प्रभाकांत, शोभित, राजकुमार, राजू, डिम्पल आदि शामिल हुए।