ब्यूरो रिपोर्ट विकाश चन्द्र अग्रहरी IBN NEWS मिर्ज़ापुर
मीरजापुर। अहरौरा, नगर के चौक बाजार में स्थित शंकर जी के मंदिर पर शनिवार की रात आयोजित रामलीला में कैकई के कोप भवन राम वन गमन की लीला का मंचन किया गया। श्रीराम को राजगद्दी देने की बात सुनकर कैकई कोप भवन में चली जाती है। शनिवार को लीला के मंचन की शुरुआत राम दरबार की आरती से हुई। विवाह के बाद हुई विदाई में राजा जनक के अपनी पुत्री सीता को विदाई देने का भावुक मंचन किया गया। इसके बाद राजा दशरथ अपने मंत्रियों के साथ राम को राजगद्दी देने की बात कहते हैं, जिसे सुनकर कैकई की दासी मंथरा कैकई को भड़काने चली जाती है।
वह देवासुर संग्राम की याद दिलाते हुए राम को वनवास और भरत को राजगद्दी के लिए उकसाती है। मंथरा की बातों में आकर कैकई कोप भवन में चली जाती है। इसकी सूचना पाकर राजा दशरथ अपनी प्रिय महारानी को मनाने पहुंचते हैं। कैकई दशरथ को उनके उस वचन की याद दिलाती है, जिसमें उन्होंने राम को वनवास और भरत को राजगद्दी देने की बात कही थी। यह सुनकर राजा दशरथ परेशान हो जाते हैं। पिता के वचनों को सुनकर श्री राम, सीता व लक्ष्मण वन को चले जाते हैं। इसके बाद राजा दशरथ की मृत्यु हो जाती है। इस मौके पर अध्यक्ष कुमार आनंद,बृजेश,विशाल,विकास, पुण्य प्रवीण रोशन अभिषेक सतीश,शिवम्,अश्वनी, सहित अन्य उपस्थित रहे।