डूबता बलिया बहता विकास और कितना करे सरकार यह बात बलिया के दुर्दशा को देखकर अपने आप अंतरात्मा से शब्द निकल जाएंगा क्योंकि बलिया में क्या सड़क क्या गली क्या प्रशासनिक भवन क्या प्रशासनिक कार्यालय मानो अपने अस्तित्व को बचाने में विफल हो गए हैं देश व प्रदेश में सरकार आते ही वर्तमान सरकार ने विकास के सपने दिखाकर मानो जैसे जनता के साथ खिलवाड़ किया हो वही बलिया में जनप्रतिनिधियों की भरमार होते हुए भी बलिया मानो विकास को तरस रहा है
जिस प्रकार से कोई बच्चा अपनी पसंदीदा चीज को पाने की चाह में तरस रहा हो जिले के प्रशासनिक भवन जैसे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पुलिस लाइन पुलिस सभागार डायल हंड्रेड का ऑफिस खेल का मैदान कलेक्ट्रेट का परिसर निरीक्षण भवन आदि जलमग्न हो गए हैं वहीं
सूत्रों की माने तो जिला प्रशासन जिला कारागार में पानी भरने के कारण कैदियों के विस्थापन की तैयारियां कर रहा है ऐसे में सवाल यह है कि जिस उद्देश्य से जनता ने जनप्रतिनिधि को चुना है तो क्या जनप्रतिनिधि जनता के उन सभी वादों पर खरे हैं अगर हां तो किस तरह से अगर नहीं तो क्यों नहीं यह सवाल करना जरूरी है यह सवाल आज हम इसलिए कर रहे हैं क्यों कि कभी देश में बागी के नाम से जाने जाना वाला जिला आज भी विकास को इस तरह तरस रहा है मानो जैसे इसका अपना अस्तित्व ही छिन गया हो।
रिपोर्ट वरुण चौबे IBN News ब्यूरो बलिया