रिपोर्ट ब्यूरो
गोरखपुर। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक तरफ जहां जिला महिला अस्पताल में सीएमओ के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन चल रहा थाl तो वही कांशी राम आवासीय कॉलोनी तारामंडल से दोनों पैरों से दिव्यांग रूपा पासवान पत्नी सुनील पासवान अपना इलाज कराने के लिए आई हुई थीl परंतु दुख का विषय यह है कि वह दिव्यांग महिला सड़क से लेकर ओपीडी तक और ओपीडी से लेकर सड़क तक पैरों के ही सहारे चलती गई परंतु जिला महिला अस्पताल के किसी भी कर्मचारी की नजर उस महिला पर नहीं पड़ी जिससे कि उस महिला को एक व्हीलचेयर के सहारे सड़क तक छोड़ा जा सके। बताते चलें कि दोनों पैर से दिव्यांग रूपा पासवान गर्भवती है और उसके दो बच्चे और भी हैं जिनकी उम्र ढाई वर्ष एवं डेढ़ वर्ष है। रूपा का पति किराए पर रिक्शा चलाने का कार्य करता है उसके परिवार की रोजी-रोटी चलती है। अब यह सवाल उठता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लाख घोषणा के बाद भी यदि ऐसी स्थिति आती है तो और दिव्यांगों को चेयर जैसी सुविधा ना मिले तो इससे दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है। इस संबंध में जिला महिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ एनके श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं हैं। भविष्य में ऐसी गलती की पुनरावृत्ति नहीं होने पाएगी।