फरीदाबाद से बी.आर.मुराद की रिपोर्ट
फरीदाबाद:रमजान मुबारक का महीना शुरू है। रमजान का महीना बरकत वाला होता है। इस पूरे महीने बंदों पर अल्लाह की रहमत बरसती है। तो वहीं फिरोज खान ने बताया कि सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम रोजा नहीं है बल्कि इंसान के जिस्म के हर हिस्से का रोजा होता है।
उन्होंने कहा कि आंख के रोजे से बुरा न देखना,कानों से गलत बात न सुनना,मुंह से गलत और बुरी बात न कहना,हाथों से किसी को तकलीफ ना पहुंचाना और पांव सिर्फ अच्छाई की ओर उठने का नाम रोजा है। रमजान का महीना इंसान के तमाम दुख, दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना है। रोजेदारों में बुरे-भले की समझने की सलाहियत पैदा हो। रोजे में भूख और प्यास के एहसास के पीछे इंसान अपने उन गरीब भाइयों का फिक्र करे। जिनके पास पेट भरने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है। रमजान पूरी मानव जाति के लिए प्यार और भाईचारे,इंसानियत का संदेश देता है। रमजान शरीफ एक ऐसा मुबारक महीना है जिसे अल्लाह ने अपने बंदों पर खासी नाम की शक्ल में उतारा है। इस महीने में अल्लाह ने अपने महबूब मोहम्मद की उम्मत को हर साल में एक मौका फरमाया कि ए मेरे बंधु तूने पूरे साल अपनी जिंदगी को गुनाहों के दलदल में डूबोए रखा। मैं तुम्हें एक मौका रमजान के महीने की शक्ल में ऐसा अदा करूंगा,जिसमे सच्चे दिल से की गई तुम्हारी दुआ कबूल की जाएगी। तो वहीं दूसरी तरफ रियाज खान ने बताया कि रमजान माह में तुम्हारे पिछले सारे गुनाह माफ कर दिया जाता है रमजान में पूरा महीने बंदों पर अल्लाह की रहमत बरसती है।