रिपोर्ट योगेश श्रीवास्तव
गोरखपुर।राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम परियोजना के अंतर्गत वायु प्रदूषण नियंत्रण करने हेतु जिलाधिकारी सभागार में एडीएम वित्त राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों के साथ की गई बैठक। (एनसीएपी) 2024 तक (आधार वर्ष 2017 के साथ) पार्टिकुलेट मैटर कंसन्ट्रेशन में 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक कटौती के लक्ष्य के साथ समग्र रूप में देश भर में वायु प्रदूषण की समस्या से पार पाने के लिए एक दीर्घकालिक, समयबद्ध, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति बना कर शहरी कार्य-योजनाएं, कई कार्यान्वयन एजेंसियों को जोड़कर बहुआयामी कदमों के माध्यम से मुख्य वायु प्रदूषण स्रोतों पर नियंत्रण के लिए तैयार की गई जाये। समग्र वायु गुणवत्ता नेटवर्क के विस्तार, स्रोत विभाजन अध्ययन, जन जागरूकता, शिकायत समाधान तंत्र और क्षेत्र केन्द्रित कार्य बिंदु इन कार्य योजनाओं का हिस्सा हैं।
सफल कार्यान्वयन के लिए, राज्य एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय तथा प्रतिष्ठित विशेषज्ञ संस्थानों द्वारा तकनीक पर्यवेक्षण बेहद आवश्यक है। इस एमओयू से समय लक्षित तरीके से नियोजित रूप से सुगम और बाध्यकारी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा। अग्रणी वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों को मिलाकर एक तकनीक परामर्श समूह के रूप में एक राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का गठन भी किया गया है, जो एनसीएपी के अंतर्गत गतिविधियों को समर्थन देगा और वायु गुणवत्ता अनुसंधान में स्थानीय ख्याति प्राप्त संस्थानों (आईओआर) का मार्गदर्शन करेगा। बैठक में अविनाश कुमार प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर पंकज यादव क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण रोहित सिंह सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।