Ibn24x7news रिपोर्ट – महेन्द्र सिंह सोलंकी ब्यूरो चीफ झाँसी
मऊरानीपुर 23 जुलाई। श्री शान्ति निकेतन धनुषधारी आश्रम मऊरानीपुर में कथा के छठवें दिन श्री बाबा राम दास ब्रह्मचारी जी ने कहा कि अहंकार सदा मनुष्य के पतन का कारण होता है। रावण महारानी सीता जी का हरण करके लंका ले जा रहा था। जिसे देखकर जटायु परमार्थ भाव से दौड़ा था। और उसने भगवती की रक्षा की थी। किन्तु ऐसा अनूठा कार्य करते हुए भी उसके मन में कहीं न कहीं अपनी शक्ति से महारानी को बचाने का अहंकार आ गया था।इसलिए वह रावण से हारा था और उसे अपने प्राण गवाने पड़े थे। श्री महाराज जी ने कहा कि परमार्थ का काम करने वाले को भी कष्ट भोगना पड़ता है। यदि उसके मन में कर्तृत्व का अभिमान आ जाए। यद्यपि भगवान परमार्थ करने वाले को उसका सुफल भी देता मै जैसा कि भगवान ने जटायु को मुक्ति देकर किया।
राम कथा के इस आयोजन के साथ साथ प्रतिदन प्रातःकाल श्री शंकरजी के पार्थिव लिंगो का निर्माण किया जाता है। जिनका पण्डित अखिलेश दुबे सम्पन्न कराते हैं। श्रोता मण्डल मे डा गदाधर त्रिपाठी, महेन्द्र तिवारी, रमेश चन्द्र दीक्षित, राम प्रसाद शर्मा,पुरुषोत्तम शर्मा हृदयनाथ चौबे रवीन्द्र दीक्षित, चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव आर के त्रिपाठी, परमानन्द पहारिया, मुन्नीलाल कटारे, कक्का नामदेव, कैलाश राय, कमलेश कनकने, सुरेश राय, गायत्री राय,जानकी तिवारी, डोली मिश्रा,छुट्टन सेन, रमेश चन्द्र दीक्षित जनार्दन मिश्र, बृजैन्द्र त्रिपाठी, कृष्ण गोपाल बबेले, रोहित दुबे,
हरी ओम श्रीधर, स्वामी राय, राकेश राय, शरद खरे, अभिषेक राय, ओम प्रकाश शर्मा,जानकी प्रसाद निरंजन, जय प्रकाश खरे,किशोरी लाल अरजरिया,अजय तिवारी,
विनय ताम्रकार, राजकुमार ताम्रकार, सेवकदास, डा सुशीला त्रिपाठी, विमला दीक्षित, मनीषा दुबे डा कृष्णा पाण्डेय, जयन्ती देवी आदि मौजूद रहे।