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गाजीपुर – खैरात मे मिली करोड़ों की जमीन के तमाम दावेदार रजिस्ट्री कराने के बाद कब्जे के लिए भटक रहा शिवमूरत यादव का परिवार

टीम आईबीएन न्यूज

गाजीपुर। खैरात मे मिली करोड़ो की जमीन के दावेदारों में छिड़ी जंग से एक तरफ कस्बे की सामाजिक समरसता तार-तार हो रही है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय पार्टी की प्रतिष्ठा पर भी सवालिया निशान लग गये है। इसी बीच जाति का हवाला देकर दूसरे दल के नेता भी अपना राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए बेकरार है जबकि पैसे देने के बाद भी जमीन का असली मालिक अफसरों व कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहा है।

मामला जनपद की जमानियां तहसील से जुड़ा है। तहसील के ठीक सामने मौजूद करोड़ो की जमीन को वर्षो पहले जमीदार के परिजनों ने रामलीला कमेठी को देने के लिए सारा कागजी कोरम पुरा कर लिया था लेकिन मौजूदा कर्ता धर्ता ने जमीन लेते समय अपना नाम लिखने के बाद रामलीला कमेटी को गायब कर दिया। जिससे जमीन अब भी रिकार्डो मे कमेटी के नाम नही है। दूसरी तरफ जिस व्यक्ति (परिवार) का जमीन मे नाम है उसने जमीन की खरीद फरोक्त भी किया। बहुत से खाली प्लाट अब आवासो मे तबदील हो गये है। जमीन के टुकड़े तहसील मुख्यालय के ठीक सामने राष्ट्रीय राजमार्ग से सटा हुआ है। उसके पीछे थाने की खाली जमीन मौजूद है।

299 न. की हुयी है रजिस्ट्री 296 न. पर मौजूद है राम चबुतरा जिसको लेकर हो रहा विवादः शिवमूरत

शिवमूरत यादव का कहना है कि कुछ वर्षो पहले खाली जमीन 299 न. को शशिकान्त आदि ने स्थानीय निवासी शिवमूरत यादव को रजिस्ट्री कर दी। यादव ने पुरा पैसा भी मालिको को दे दिया तभी से भा.ज.पा. नेता व नामी सभासद जयप्रकाश गुप्ता ने जमीन को रामलीला कमेटी की बता कर अवरोध खड़ा कर दिया। और जमीन के बगल मे स्थित राम चबुतरा जिसका न. 296 है उसको आधार बनाकर खाली पड़ी सारी जमीनों को रामलीला कमेटी की बताकर विरोध शुरु कर दिया। तबसे लेकर आज तक लगातार विवाद जारी है और इस मामले मे पीछले महीने जब पुलिस ने अपनी खाली पड़ी जमीन की बाऊड्री का काम शुरु किया तो स्थानीय लोगो ने विरोध किया। तब पुलिस त्योहारों के चलते बैक फुट पर आ गयी।

भा.ज.पा सभासद के पक्ष में उतरे सपा सदर विधायक जय किशन कहा कि हमारे जाति का मामला है

स्थानीय लोगों की माने तो जयप्रकाश गुप्ता भारतीय जनता पार्टी के नामित सभासद है और खाली पड़ी जमीन पर दुकान लगाने वालों से तह बाजारी वसुलते है। यहाँ तक की मनोरंजन के आयोजन, प्रदर्शनी, सरकस आदि लगने पर भी अपने आप को मालिक बताकर जमीन का किराया वसूलते है। पिछले नगर पंचायत के चुनाव से लेकर अब-तक जो गौ तस्कर जयप्रकाश की होर्डिगों, दावतो व कार्यक्रमों को फाइनेन्स करता था। उसे जेल जाने के बाद जब पुलिस ने जयप्रकाश पर गौ तस्करों का सहयोगी होने का आरोप लगाकर जेल भेजा तो जिले के सदर सपा विधायक जय किशन साहू ने यह कहकर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया कि जय प्रकाश उनकी बिरादरी के है और जब भाजपा साथ नही देगी तो हम साथ देंगे।

स्टाम्प की कमी से फँसा है मामला अगली तारीख पर कोर्ट करेगा मालिक की सुनवाई

पुरे मामले मे हो रही जमीन पर कब्जे की लड़ाई और मालिकाना हक के बीच जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले शिवमूरत यादव अवाक है। स्थानीय लोगो का कहना है कि किसी जमींदार ने यह जमीन खैरात मे दे दिया था। आज उसी जमीन पर कब्जे की लड़ाई है और जिस व्यक्ति को जमीन दी गयी थी उसके बेचे जाने के बाद भी खरीदार को अभी कब्जा नही मिल पाया है। शिवमूरत यादव का कहना है कि जमीन की रजिस्ट्री कराते समय कुछ स्टैम्प कम लगे है। जिसके निस्तारण के लिए कोर्ट मे अगली तारीख मुकर्रर है। इस मामले मौजूदा नगर पंचायत अध्यक्ष, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर कोतवाल, एस.डी.एम जमानियां सारे लोग यह मान रहे है कि शिवमूरत ने जमीन का पैसा मालिको को देकर रजिस्ट्री कराया है लेकिन अराजक तत्वों की तत्परता से मामला अभी भी फंसा है।

राकेश की रिपोर्ट

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