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कान्हा ने उंगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण करने के दौरान महिलाओं ने भजनों पर नृत्य किया

बीगोद –कस्बे में माँ चावंड गौशाला परिषद में समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर समस्त भक्तों ने मिलकर अपने घरों से बनाकर श्री गिरिराज प्रभु को एवम गौमाता को छप्पन भोग लगाया और साथ ही हरक लाल आगाल परिवार द्वारा गौमाता को लापसी भोग लगाया गया। कथावाचक गौवत्स पं विष्णुश्री कृष्णतनय महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार पूर्वक वर्णन किया जिसमे नंदोत्सव, पूतना वध,माखनचोर लीला,चीरहरण लीला का वर्णन किया और कहा कि गौमाता की रक्षा एवं सेवा करने के महत्व को दर्शाने ही भगवान गोपाल बनकर आये साथ ही गौवर्धन पर्वत साक्षात भगवान कृष्ण ही है। गोवर्धन पर्वत राज द्रोण के पुत्र हैं एक समय दुर्वासा मुनि पर्वत दौणगिरि गये।वहां उन्होंने गोवर्धन को उनसे मांग लिया तब गोवर्धन ने कहा कि अगर रास्ते में आपने मुझे रख दिया तो मैं कि वहां स्थापित हो जाऊंगा दुर्वासा मुनि ने गोवर्धन की बात ली और लेकर चल पड़े बताया जाता है कि ब्रजमंडल पहुंचते ही दुर्वासा मुनि को लघु शंका हुई जिसकी वजह से उन्होंने गोवर्धन को वही रख दिया जिसके बाद गोवर्धन वहीं पर स्थापित हो गए कथा व्यास ने बताया कि रामायण काल में भी जब लंका जाने के लिए पुल बनाने की बात हो रही थी तो वीर हनुमान और गोवर्धन को उठाकर चले थे कि समाचार आया कि पुल बनाने का काम पूरा हो गया तब हनुमान जी ने श्री राम से कहा कि वचन दिया था तब भगवान भोले की गोवर्धन से कहो कि मैं उसे कृष्ण अवतार में दर्शन दूंगा भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन को साथ 7 दिन तक अपनी छोटी उंगली पर धारण करके अपना ही रूप और गोवर्धन को दिया था धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल वासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था जिसके नीचे गोकुल वासियों ने खड़े होकर अपनी जान बचाई थी इस बात से खुश होकर गोकुल वासियों ने भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाया था। तभी से भक्त गोवर्धन की पूजा करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है वहीं उन्होंने कहा कि हमें भगवान की भक्ति में कंजूस नहीं करनी चाहिए अपने व्यस्त समय में से भगवान को भी समय देखकर आराधना करनी चाहिए ।साथ विगत रात्रि में भक्त नरसी मेहता का चरित्र नानीबाई रो मायरो कथा का भी शुभारम्भ किया आज कथा में आगामी मई माह में 24 मई से 1 जून तक होने ग्राम सरथला चारभुजा ग्राम में 108 कुंडीय महायज्ञ का निमंत्रण देने परम् पूज्य निर्मोही अखाड़ा परिषद के सन्त श्री राधे बाबा का आगमन हुआ और साथ मे सरथला श्याम भक्त परिवार भी आये
(फोटो कैप्शन–
1- भगवान श्री कृष्ण अपनी उंगली पर गोवर्धन धारण का दृश्य

2- छप्पन भोग के दौरान का दृश्य
3- पंडाल में महिलाएं नृत्य करती)
फोटो प्रमोद कुमार गर्ग

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