मीरजापुर। स्वच्छता अभियान केंद्र व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। सरकार की मंशा शहर- नगर से लेकर गांवों को स्वच्छ बनाकर देश की तस्वीर संवारने की है, किंतु जिनके ऊपर इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी है वही बेपरवाह है। अहरौरा नगर पालिका प्रशासन सफाई को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। अधिकतर वार्डों में गंदगी का अंबार है। मोहल्लों व गलियों में नियमित सफाई नहीं होती। गंदगी के चलते संक्रामक बीमारियों की आशंका बढ़ने लगी है।
अहरौरा नगर पालिका में सफाई व्यवस्था बेपटरी है। पट्टीकला वार्ड नं. नौ व अन्य वार्ड की सड़कें गंदगी से पटी हैं, नालियां चोक है, जिसके चलते नाले का पानी सड़क पर बह रहा है। जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है। सफाईकर्मी आते हैं और कोरम पूरा कर चले जाते हैं। सड़कों पर पड़े कचरे से उठती दुर्गंध से नागरिकों की दुश्वारी बढ़ गई है। बजबजाती नालियां मच्छरों के प्रजनन में सहायक साबित हो रहे हैं। नागरिक इस दुर्व्यवस्था के लिए नगर प्रशासन को कोस रहे हैं। यही नही जब बरसात होती है तो घर में रहना दुश्वार हो जाता है।इसी रास्ते सैकड़ो लोग आते जाते हैं। और मुहल्ले वाशियों ने नगर पालिका प्रशासन को कई बार मच्छर मारने की दवा का छिड़काव के लिए सूचना दिया गया परन्तु कोई फायदा नही हुआ सूचना का, लोगों ने बताया कि नगर पालिका में सफाई की स्थिति बदतर हो गई है। सफाईकर्मी मोहल्ले में आते हैं तो चेहरा दिखाकर व मोबाइल में बिजी रहते हैं। जिम्मेदार कर्मचारी नागरिकों के शिकायतों पर ध्यान नहीं देते।
प्रशासनिक अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं। सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। इस संबंध में अध्यक्ष ओमप्रकाश केशरी ने बताया कि नियमित सफाई का प्रयास किया जा रहा है। यदि कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी, बजट पास हो गया जल्द ही पट्टीकला में नाली निर्माण किया जाएगा वही चेयरमैन द्वारा अभीतक मुहल्ले में कोई भी सफाई कर्मचारी के भेजकर सफाई प्रतिदिन नही कराया गया।
इस संबंध में अधिशासी अधिकारी रामदुलार यादव द्वारा संज्ञान में लेकर संबंधित सफाई कर्मचारी को निर्देशित किया है की अच्छे से सफाई हो नगर में जहां-जहां शिकायतें आ रही है वहां तत्काल सफाई कराये। परन्तु सफाई कर्मचारी खुद अधिकारी हैं कहा किसी के बात सुनने वाले। क्या कारण है कि नगर में सफाई नही होती हैं