रिपोर्ट उमेश मणि त्रिपाठी
गोरखपुर। शहर में आजीविका मिशन एक स्थापना की गई थी जिसमें विभिन्न विभागों के अंतर्गत कार्यों से संबंधित कर्मचारियों की तैनाती किए जाने को लेकर विभाग बना जिसका देखरेख नगर निगम के नगर आयुक्त जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा के द्वारा कार्यों का निस्तारण किया जाना हुआ था विगत 2 वर्षों से अपने कार्यों के प्रति खूब खेला खेला गया जिसमें पार्षद, कर्मचारी ,अधिकारी खूब जम के अपने उल्लू सीधा करने का काम किया जिसकी चर्चा नगर निगम में जोरों से है पूर्व नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश के कार्यकाल में शहरी आजीविका मिशन गठन किया गया था जिसमें आवश्यकता के अनुसार विभागों में कर्मचारी तैनाती एवं कार्यों से संबंधित निस्तारण किए जाने की योजना बनाई गई थी लेकिन इस विभाग ने कर्मचारियों के रखने के नाम पर अधिकारियों को मिलाकर खूब पत्रावली ओम खेला खेला गया और चलता चला रहा है वर्तमान जिला अधिकारी पूर्व नगर आयुक्त का कार्यभार संभालने के दौरान उसी बीच अपना नगर आयुक्त का संबंधित कार्यों का कार्यभार ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा को सौंपा था उस वक्त मजिस्ट्रेट ने कंप्यूटर के कर्मचारियों का प्रशिक्षण एवं उनकी योग्यता के अनुसार कार्य से संबंधित पत्रावली को पकड़ा था लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती करके रखी गई नातो इसकी कोई जांच हुई मालूम हो कि जब ज्वाइन मजिस्ट्रेट आकांक्षा राणा ने अपना कार्यभार संभाला था उस व्यक्ति कर्मचारियों के परिवार के सदस्य विभाग में कार्य कर रहे थे जो आज भी वर्तमान में कार्य करते मिल जाएंगे जो इस समय वर्तमान में कंप्यूटर के कक्ष में कार्य करते नजर आएंगे
यही नहीं कर्मचारियों ने खूब अपनी कर्मचारियों की राजनीति कर विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर अपने परिवारों को विभाग में तैनात कर अपनी जिम्मेदारी को पूरा निभा दिया लेकिन कर्मचारियों की तैनाती के संबंध में आज तक सीएलसी के माध्यम से औपचारिकता पूरी है या नहीं किसी ने जानने की कोशिश नहीं की
यही नहीं विभाग में लिपिक है जो अपने परिवार के सदस्यों को संगठित कर दिया और अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली साहब को खुश भी कर दिया गया चर्चा विभाग में रही है कहते कर्मचारी राजनीति के आड़ में अपना उल्लू सेकने में काफी कामयाब रहे एक अधिकारी के आशीर्वाद से ड्राइवरों के रखने के नाम पर नए ड्राइवरों की भर्ती वाहनों पर चलाने के साथ ड्राइवरी लाइसेंस एवं अभिलेखों का बिना औपचारिकता पूरी किए खूब ड्राइवर मौज कांटे और वर्तमान में भी उनके कार्यकाल के दौरान आवास से लगाकर कार्यालयों की बीच में अपना खूब चक्कर काटा अपना उल्लू सीधा किया वहां के संघ के अध्यक्ष मंत्री, उपाध्यक्ष ने भी अपना कार्य करके दिखाया जिससे साहब भी खुश रहे सवाल ये उठता है कि विगत कई वर्षों से सीएलसी के माध्यम से लेकर के सफाई कर्मचारी हो या अन्य विभागों में तैनाती कर्मचारियों की जिस पर विभाग के उच्च अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लियाऔर सीएलसी के अधिकारी कर्मचारी की मिलीभगत से करोड़ों का चूना लगा दिया कौन जांच करें सब की मिली जुली सरकार है इस तरह की चर्चा जोरों से रही है नगर निगम परिसर में
अब देखना है कि वर्तमान नगर आयुक्त एवं वरिष्ठ अधिकारियों की इस कारनामों के पीछे क्या कठोर कार्रवाई करती है।