अहरौरा थाने के ठीक सामने से ट्रक में लोड हो रहा पशु तस्करी खेल
मीरजापुर। पुलिस की मिलीभगत से पशु तस्करी का खेल चल रहा है। यहीं नहीं, प्रतिदिन सैंकड़ों पशु काटे जा रहे हैं जबकि शासन द्वारा स्लाटर हाउस संचालन पर रोक लगाई है। इसके बावजूद तस्कर चोरी छिपे आए दिन पशुओं को काटने में लगे हुए हैं।
चालक बेधड़क पुलिस के सामने से ही तस्करी के पशुओं को लेकर अन्य जगहों पर सप्लाई करते हैं। दिन बुधवार को अहरौरा थाने के ठीक सामने पहाड़ के निचे ट्रक में भैंस व अन्य पशु को लोड कर तस्करी किया जाता है।
शाम होते ही अहरौरा नगर व ग्रामीणों से पशु तस्करों की गाड़ियां पशुओं को लेकर थाना क्षेत्र से होते हुए बड़े ही आराम से वाराणसी व अन्य जिले में दाखिल हो जाती हैं।
इसमें पिकअप, डीसीएम, ट्रक, मैजिक सहित अन्य गाड़ियां शामिल होती हैं। तस्करों की सूचना देने के बावजूद संबंधित थाने की पुलिस पकड़ने की बजाय आंख मूंदकर बैठ जाती है। पुलिस शिकायत कर्ताओं से ही वाहनों को पकड़कर थाने या चौकी पर लाने की बात करने लगती है। इसका फायदा तस्कर व पुलिस दोनों उठाते हैं।
इसके पहले भी अहरौरा थाना पुलिस को मामले से अवगत कराया गया है लेकिन पुलिस तस्करों को पकड़ने की बजाय हीलाहवाली करती रहती है। नगर व ग्रामीण सहित लोगों का आरोप है कि तस्करों द्वारा संबंधित थाने की पुलिस को मोटी रकम पहुंचाई जाती है। इसके चलते वे कार्रवाई नहीं करते हैं। उन लोगों ने शासन में इसकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
वही सरकार द्वारा पशु तस्करी पर पूरी तरह से लगाम लगने के निर्देश संबधित थाने की पुलिस को दिए गए हैं। अवैध तरीके से पशु तस्करी का सिलसिला नही रोका गया तो, पशु तस्करी का धंधा और भी बढ़ जाएगा।
यही नही कोई भी पत्रकार या समाजसेवी द्वारा इसकी सूचना पुलिस को सूचना देता है तो पशु तस्करी वाले जाने से मारने की धमकी देख लेने की धमकी देते हैं। इस संदर्भ में स्थानीय पुलिस मौन रहती हैं।