ब्यूरो रिपोर्ट विकाश चन्द्र अग्रहरी IBN NEWS मिर्ज़ापुर
मीरजापुर। अहरौरा नगर के चौक बाजार में स्थित शंकर जी के मंदिर पर चल रही श्री बाल रामलीला में रविवार को मारीच वध व सीता हरण लीला का मनोहारी मंचन किया गया। मुख्य आयोजक कुमार आनंद ने बताया कि जब सूपर्णखा की नाक कान को लक्ष्मण जी द्वारा काट दिया जाता है तो वह वह यह बात खड़ दूषण को बताती है और अपमान का बदला लेने के लिए खर-दूषण अपने 14 हजार सैनिकों के साथ प्रभु श्रीराम के साथ युद्ध के लिए जाता है लेकिन वह सैनिकों के साथ मारा जाता है।
उधर सूपर्णखा अपनी कटी नाक लेकर लंकापति रावण के पास जाती है और कहती है कि पंचवटी में दो तपस्वी कब्जा किए है जब उनके सामने रावण का नाम लिया गया तो नाराज हो गए और उसके साथ यह सलूक किया। लंकापति रावण कहता है कि चिंता मत करो और मारीच के पास जाकर सीता हरण के लिए कहता है। मारीच काफी समझाने का प्रयास करता है लेकिन रावण एक भी बात नहीं सुनता है और आखिरकार मारीच एक सोने का हिरण बनकर पंचवटी को जाता है। उसका वध होने के बाद भिक्षुक बनकर रावण सीता का हरण कर लेता है। इसके बाद जटायु रावण युद्ध के लीला का मंचन किया जाता है।
यहां प्रमुख रूप से कुमार आनंद,बृजेश,अश्वनी, रोशन सतीश, विशाल शिवम् विकास, रवींद्र नाथ अरविंद कुमार पुण्य प्रवीण सहित अन्य उपस्थित रहे।