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बसखारी में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही पैथोलॉजी

 

बसखारी के स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष करवाई करने के बजाय आंख बंद कर सब रहे देख

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने में गिरा घुटनों के बल

बसखारी में पैथोलॉजी सेंटर की आड़ में चल रहे अल्ट्रसाउंड सेंटर पर पड़ा छापा, भ्रूण लिंग परीक्षण का भंडाफोड़

अंबेडकरनगर ब्यूरो चीफ मुकेश मिश्र

अंबेडकरनगर 13 मार्च :- बसखारी में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे जिले में लिंग परीक्षण का गोरखधंधा चल रहा है। इसके लिए बाकायदा एजेंट सक्रिय हैं। महज पांच से दस हजार रुपये में लिंग की जांच कराकर पता लगाया जा सकता है कि कोख में पल रहा लड़का है या लड़की। खास बात ये है कि जनपद में लिंग परीक्षण ज्यादातर बाहरी शहरों और राज्यों के लोगों का कराया जा रहा है। ताकि, शहर में इस खेल का ‘शोर’ सुनाई न दे। किस प्रकार अल्ट्रासाउंड से खेला जाता है खेल : जिस मशीन का स्वास्थ्य विभाग से पंजीकरण और ट्रैकर लगा होता है, उससे लिंग की जांच नहीं की जाती है। इस गोरखधंधा में लिप्त सेंटर दूसरी अल्ट्रासाउंड मशीन भी रखे रहते हैं, जिसमें ट्रैकर नहीं लगा होता है।

उससे ही लिंग परीक्षण किया जाता है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के ढुलमुल रवैये की वजह से यह धंधा फल-फूल रहा है।
उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जनपद के बसखारी बाजार के टांडा रोड पर विश्वकर्मा मार्केट में अवैध रूप से शिवा डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से संचालित हो रहे पैथोलॉजी की आड़ में अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लिंग जांच का खेल पकड़ा गया। जिसकी भनक स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को लगी। स्वास्थ्य विभाग को मिली सूचना के आधार पर अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लिंग परीक्षण के साथ अन्य अवैध कार्य बिना रजिस्ट्रेशन के कराए जाने की शिकायत पर पहुंची डिप्टी सीएमओ की टीम ने मामले को सत्य पाया।

मौके पर पहुंची टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ मार्कंडेय प्रसाद, डॉ प्रशांत सिंह को सूचित कर अवैध रूप से संचालित सेंटर पर बुलाकर मशीन को कब्जे में ले लिया।
अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड मशीन को सील करने के लिए नोडल अधिकारी आशुतोष सिंह ने नियमों को ताक पर रखते हुए सेंटर को सील करने के बजाय मशीन को सामुदायिक स्वास्थ केंद्र बसखारी पर रखवा कर मामले में शिथिलता बरती जा रही है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के तरफ से की गई छापेमारी पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है कि मौके पर अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन को संचालित किए जाने वाले स्थान पर सील क्यों नहीं किया गया।

इसका जवाब देने में डिप्टी सीएमओ आशुतोष सिंह भी बचते हुए नजर आये। टांडा रोड पर अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर रेडियोलॉजिस्ट के स्थान पर महज स्नातक पास युवक अल्ट्रासाउंड सेंटर को लगभग 8 माह से धड़ल्ले से चला रहा था। जिसकी भनक न तो स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को थी न ही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को दी। जब अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर के बारे में सीएचसी प्रभारी डॉ मार्कंडेय प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस सेंटर के बारे में स्वास्थ्य विभाग के साथ हम लोगों को कोई जानकारी नहीं थी। अवैध रूप से पकड़े गए अल्ट्रासाउंड सेंटर का संचालक विनोद कुमार को बताया जा रहा है।

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