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राजस्थान सिविल सेवा पेंशन लागू करने के लिए भीनमाल उपखंड अधिकारी को ज्ञापन

मनीष दवे IBN NEWS

भीनमाल :- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम उपखंड अधिकारी भीनमाल को ज्ञापन देकर राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन नियम) 1996 लागू करवाने की मांग किया गया। इस संदर्भ में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) द्वारा आंदोलन चलाया जा रहा है।

ज्ञापन में बताया कि राजस्थान सरकार के अंतर्गत 01 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए 5 लाख कर्मचारियों पर राजस्थान सरकार द्वारा जारी राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम 2005 लागू किए गए हैं जो भारत सरकार के 22 दिसंबर 2003 की एनपीएस अधिसूचना एवं पीएफआरडीए एक्ट 2013 के तहत लागू किए गए हैं जिसकी वजह से कर्मचारी तथा उसके परिवार की. सामाजिक सुरक्षा को खत्म करने के साथ ही उनके जीवन को अंधकारमय बना दिया है जैसा की विदित है कि देश के विभिन्न राज्यों में नवीन अंशदायी पेंशन योजना अलग-अलग समय पर लागू हुई है तथा पश्चिम बंगाल में आज भी अंशदायी पेंशन योजना लागू नहीं की गई है भारत सरकार से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सूचना में भी यह स्पष्ट होता है कि नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है इस संदर्भ में निवेदन करते हुए कहा है कि राज्य के 05 लाख कर्मचारियों की नई अंशदायी पेंशन योजना की जगह राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन नियम) 1996 लागू किया जाए इस संदर्भ में विस्तार से द्वितीय पृष्ठ पर तथ्यों का अवलोकन करें।

ज्ञापन में इन परिस्थितियाँ व तथ्यों पर गौर फरमाते हुए निर्णय लेने का बताया गया है जिसमें नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी और सरकार दोनों के तहत घाटे का सौदा है क्योंकि कोई भी सरकार पेंशन रिटायरमेंट के बाद देती है लेकिन इस योजना में एडवांस में 30 साल तक निवेश किया जा रहा है इस निवेश के बचे रहने की गारंटी सरकार की नहीं है न किसी बैंक की है ना आरबीआई की है, ना रेगुलेटरी अथोरिटी की है, ना पेंशन फंड मैनेजर की है किसी की कोई गारंटी नहीं है। पैसा पूरा शेयर मार्केट में है पैसे को लूटने में हजारों लगे हुए हैं आने वाले समय में यह विश्व का सबसे बड़ा घोटाला होने जा रहा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाएगी।
इस प्रकार यह योजना कतई सरकारी कर्मचारी या सरकार के लिए फायदेमंद नहीं है कॉरपोरेट घरानों को बढ़ावा देने और उन्हें पैसे को लूटने की छूट देनी हो तो अलग बात है। 3. एनपीएस में जीपीएफ सुविधा उपलब्ध नहीं है। जबकि ओपीएस में जीपीएस सुविधा कर्मचारी सेंविग के लिए उपलब्ध है जो कि बाजार पर निर्भर है।
ओपीएस के बजाय एनपीएस शेयर बाजार आधारित असुरक्षित पेंशन योजना है। जिसे पेंशन योजना कहने के बजाय जुआ खेलने वाली योजना कहना अधिक उचित है। अर्थात बाजार आधारित इस पेंशन योजना में पेंशन कभी 3000/- रु कभी 2000/- रू मिलेगी। एनपीएस में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की गारंटी नही हो सकती है पूरा पैसा ही डूब जाये। एनपीएस में ओपीएस की तरह महंगाई भत्ता (डीए) नही मिलेगा। न ही प्रत्येक 10 वर्ष पश्चात लगने वाले वेतन आयोग का लाभ प्राप्त होगा। अर्थात यदि बुढापे में महंगाई कमर तोड़ेगी तो तुड़वानी पड़ेगी।
इस संदर्भ में निवेदन है कि राजस्थान में अब तक रिटायर हुए एनपीएस कर्मचारियों की वर्तमान दुर्दशा के आंकड़े सर्वे करवाकर जारी करे ताकि पता चल सके कि उनका जीवन किस दुर्दशा में है।
राजस्थान सरकार द्वारा 30 साल एनपीएस में एडवांस में दिए जाने वाले पैसे तथा रिटायर कर्मचारी को सामान्यतया 10 साल तक दी जाने वाली पेंशन में आने वाले खर्च का आगामी 100 साल का प्रोजेक्टेड खर्चे का आर्थिक विश्लेषण करवा कर जारी करवाएं
शेयर बाजार में वर्तमान में एनपीएस का पैसा जिन पेंशन फंड्स में जा रहा है उनका पिछले 50 साल का मूल्यांकन करवाकर डाटा उपलब्ध करवाए जिससे पता चलेगा कर्मचारियों का बुढ़ापा कितने खतरे में है। फिर भी आपको लगता है कि एनपीएस योजना बहुत बेहतर योजना है तो आप विधायकों को यही योजना उपलब्ध करवा दीजिए तो हम मान जाएंगे कि आप कितने ईमानदार हैं वरना कर्मचारियों के साथ ढकोसले बाजी बंद करना चाहिए।

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