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कांग्रेसी नेताओं ने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर जाना उनका हाल, बाटी राहत सामग्री

रिपोर्ट ब्यूरो

गोरखपुर। नदी के किनारे बसे गांव बहरामपुर, खिरवनिया, चकरा दोयम, महेवा एहतेमाली, सिंहोरवा आदि बाढ़ग्रस्त हो गए। यह क्षेत्र करीब एक माह से राप्ती नदी के पानी से मैरुण्ड है। गांव के लोग अपने जानवरों व स्वजनों के साथ हावर्ड बंधे के करीब हाईवे के किनारे पटरी पर गुजर बसर करने को मजबूर हैं। टेंट डालकर रह रहे लोगों ने बताया कि बाढ़ की वजह से हमारा घर जलमग्न हो चुका है इसलिए हम लोग यहां रह रहे हैं लेकिन शासन व प्रशासन की तरफ से कोई भी नुमाइंदा हमारी सुध लेने के लिए नहीं आया है।

 

बुधवार को किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुयस मणि त्रिपाठी और उपाध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित लोगों का हाल जाना। उन्होंने उनके साथ संवेदना और सहानुभूति प्रकट करते हुए 1500 पैकेट खाद्य सामग्री वह पानी का पैकेट बांटा। ग्रामीण बाढ़ क्षेत्रों का दौरा करते हुए जब वे ट्रांसपोर्ट नगर स्थित टेंट डालकर रह रहे बाढ़ पीड़ितों से उनका हालचाल जानने पहुचें तो महिलाओं ने बताया कि हम लोग अमरूद मंडी में रहते हैं लेकिन हमारा घर पूरी तरह से डूब चुका है। अभी तक सरकार की तरफ से हमें कोई भी सहायता नहीं मिली है। हम लोग भूखे मर रहे थे लेकिन शासन और प्रशासन की तरफ से किसी भी जिम्मेदार ने हमारी सुध नहीं ली। जिसके बाद हम अपने जानवरों के साथ यहां टेंट डालकर रह रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से मिली राहत सामग्री को पाकर उनके चेहरे खिल उठे थे और कहा कि कोई पहली बार हमारे दरवाजे पर आकर हमें राहत सामग्री दी गई है। बाढ़ राहत सामग्री वितरण में कोंग्रेस नेता दिलीप पांडेय, कलांजय राम त्रिपाठी, जिला अध्यक्ष डॉ अनिल तिवारी ,अशलम परवेज ,डॉ अविनाश पति त्रिपाठी, सजंय चौदरी, मनीष मिश्र ,कमलेश प्रसाद अरसद परवेज ,अछ्यबर चौधरी प्रमुख रूप से उपस्थित थे

 

प्रशासन के दावे झूठे साबित हो रहे है।

पानी से मेरुण्ड क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का भले ही जिला प्रशासन लाख दावे कर ले लेकिन उसके तमाम दावे खोखले साबित हो रहे है लोगों को खाने, पीने के पानी की समस्या तो हो ही रही है। साथ ही अगर कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज मिल पाना भी मुश्किल हो रहा है। बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि आज तक कोई भी पदाधिकारी हम लोगों का हाल देखने तक नहीं आया। वोट मांगने के समय नेता पहुंच जाते हैं लेकिन बाढ़ की इस विभिषिका में कोई जनप्रतिनिधि तक झांकने नहीं आया।

 

बाढ़ पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ सो रही सरकार।

बाढ़ क्षेत्रों का दौरा करने के बाद और पीड़ितों की दुर्दशा देखने के बाद ऐसा लग रहा है की सरकार सो रही है। अगर सरकार पहले ही जगी होती तो यह भयावह स्थिति नहीं आती। कई राहत शिविरों और कैम्पों का दौरा करने पर पता चला है की प्रशासन की तरफ से लेखपाल एसडीएम या कोई भी उन शिविरों में रह रहे पीड़ितों का हाल जानने नहीं पहुंचा है। आज हम लोगों ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर यह जानने की कोशिश की है किसकी सरकार द्वारा इन्हें राहत सामग्री मिल रही है या नहीं और हमने भी अपनी तरफ से जो भी बन पाया मदद किया।

 

खत्म हो चुका है का राशन, सरकार से मदद की अपील।

 

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह ने बताया कि बहरामपुर, नैसड, हरदिया, छपिया पिछौरा, पड़रिया, हावर्ड बंधा, लाहसडी आदि बाढ़ से मैरुण्ड क्षेत्रों का दौरा किया। जहाँ भाजपा के जिम्मेदारों ने इनकी सुधि नहीं ली। जबकि बाढ़ पीड़ितों का सबकुछ बाढ़ में तबाह हो गया। लोगों के लिए दो वक्त के रोटी के लाले पड़े हैं। लोग स्वजन की सुरक्षा करने में लगे है। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने, उनके दवा व खाने पीने की व्यवस्था नाकाफी है।इसलिए मैं सरकार और प्रशासन से अपील करता हूं कि इन बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत दी जाए।

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