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संचार पर बढ़ा जोर तो बदल गयी टीकाकरण की रफ्तार

लोगों को प्रेरित कर टीकाकरण करने में लगाई गयीं 350 से अधिक टीम
सीएमओ पूरे जिले की प्रतिदिन करते हैं वर्चुअल समीक्षा

रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर

गोरखपुर। अगर संचार पर जोर दिया जाए तो कोई भी अभियान काफी हद तक सफल हो सकता है। जिले में कोविड टीकाकरण अभियान इसका ताजा उदाहरण है। कभी रेड जोन में रहे जिले में टीकाकरण की रफ्तार अब बहुत तेज हो चुकी है। जिला न केवल रेड जोन से बाहर हुआ है, बल्कि रोजाना यहां औसतन 10 से 11 हजार कोविड के प्रथम डोज़ टीके लगाए जा रहे हैं। यह चमत्कार हुआ है 350 से अधिक मोबिलाइजेशन टीम के प्रयास और सीएमओ द्वारा किये जा रहे हर दिन की समीक्षा बैठक से।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने जब गोरखपुर का कार्यभार संभाला तो औसत प्रथम डोज़ टीकाकरण 3000-4000 प्रतिदिन था । जिले में 15 दिसम्बर के पहले तक हालात काफी खराब थे। जिला रेड जोन में था । उस समय 200 के करीब मोबिलाइजेशन टीम लगी थीं, लेकिन अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ रहा था । नवागत मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने प्रतिदिन सुबह जिले भर के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आरम्भ की । उनका मनोबल बढ़ाया और समुदाय तक टीकाकरण कार्यक्रम के प्रति संदेश पहुंचाने का दिशा-निर्देश दिया । जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की प्रत्येक ब्लॉक की एक-एक टीम को मोबिलाइजेशन कार्य में लगा दिया गया ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय बताते हैं कि इस समय आरबीएसके, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की टीम, 1468 निगरानी समितियां और 30 टीका एक्सप्रेस लोगों को मोबिलाइज कर टीका लगवाने में जुटी हुई हैं । जिले में करीब 76 फीसदी लोगों ने कोविड टीके का पहला डोज लगवा लिया है, जबकि 50 फीसदी लोगों ने दूसरा डोज भी लगवा लिया है । करीब तीन लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें दूसरी डोज लगवानी है। उन्हें समय से दूसरी डोज लेने के लिए मोबिलाइज किया जा रहा है । लोगों को यह समझना होगा कि कोविड से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ-साथ टीकाकरण नितांत अनिवार्य है ।

एक साथ तोड़ डालीं दो-दो भ्रांतियां
सीएमओ की वर्चुअल मीटिंग में प्रतिभागिता करने वाली खोराबार पीएचसी का स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी श्वेता पांडेय बताती हैं कि बैठक के बाद एक नयी उर्जा मिलती है और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में टीम निकल पड़ती है । रोजाना किसी आशा कार्यकर्ता का क्षेत्र भ्रमण किया जाता है और इनकार करने वालों को मनाया जाता है । एक ग्राम पंचायत से जुड़े जनप्रतिनिध इस कारण टीका नहीं लगवा रहे थे कि उनकी मां ने मना कर रखा था। टीम ने जब मोबिलाइज करना शुरू किया तो वह मान का हवाला देकर टीका लगवाने से इनकार करने लगे। समझाने पर उन्होंने टीका और मान दोनों की भ्रांति को मन से हटाया और टीका लगवाया। इस तरह करीब 80 लोगों को टीकाकरण के लिए तैयार किया गया ।

टीम को करते हैं मोबिलाइज
जंगल कौड़िया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. मनीष चौरसिया बताते हैं कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से रोजाना की वर्चुअल बैठक में जो बातें बताई जाती हैं उससे टीम को अवगत कराया जाता है और टीम के साथ क्षेत्र में उतरा जाता है। इस प्रयास से करीब 100 इनकार करने वाले लोगों का टीकाकरण संभव हो पाया। रोजाना की बैठक से टीम भावना का विकास हो रहा है ।

टीकाकरण और प्रोटोकॉल बचाएगा

नये दिशा-निर्देशों के मुताबिक 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड टीकाकरण करवाना है । टीकाकरण के बाद भी मास्क, दो गज की दूरी, अनावश्यक यात्रा से बचाव, हाथों की स्वच्छता, लक्षण दिखने पर जांच और आइसोलेशन जैसे उपाय ही कोविड से बचाव करेंगे। सभी लोग टीका लगवाएं और प्रोटोकॉल का पालन करें।

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