टीम आईबीएन न्यूज
गाजीपुर: आई0बी0एन0 की खबर का बड़ा असर हुआ है। खबर का संज्ञान सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लिया है और जिले के सी0एम0ओ0 के खास स्वास्थ्य माफिया राजू कुशवाहा की दुकान बन्द हो गयी है। यही नही शहर में शिवांगी का नाम बदलकर आराध्या अस्पताल के नाम से शहर के मिश्रबाजार इलाके मंे मौत की दुकान चलाने वाला सामान समेटकर भाग निकला है।
बताया जाता है कि नन्दगंज थाना क्षेत्र के पहाड़पुर इलाके का रहने वाला राजू कुशवाहा के घर की हालत पाॅच साल पूर्व काफी जर्जर थी। झोपड़ी के अलावा कुछ भी नही था लेकिन इसी बीच बड़े स्वास्थ्य सूरमाओं व अफसरों की कृपा का आलम यह रहा कि राजू इसी क्षेत्र के बरहपुर गांव के सामने सड़क पर किराये का मकान लेकर अस्पताल खोल लिया। जिसका पंजीयन भी नही कराया गया। 2018 से लेकर 2022 तक राजू ने दर्जन भर प्रसूताओं व मासूमों की जान ले लिया जिसका कारण उसका अनट्रेंड होना बताया जाता है। बावजूद इसके राजू खुद को डाक्टर घोषित कर दिया। इसी बीच आई0बी0एन0 न्यूज की टीम से मिले मृत प्रसूताओं के परिजनों ने राजू की सारी कलई खोल दी और बरहपुर का अस्पताल बंद कर राजू फरार हो गया।
लेकिन मीडिया की आॅख में धूल झोकते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सह पर राजू ने पुनः बरहपुर के साथ-साथ कोतवाली थाना क्षेत्र के कपूरपुर मोहल्ले में पोखरी की जमीन पर कब्जा कर बनाये गये एक अवैध दो मंजिला मकान में अपना दूसरा अस्पताल खोला और यहॅा भी मौत का खेल चलने लगा। अक्टूबर 2022 मंे आई0बी0एन0 की टीम ने फिर मामले को उठाया और गैर पंजीकृत अस्पताल के साथ-साथ राजू कुशवाहा की कारस्तानियों व सी0एम0ओ0 आफिस के बाबुओं की कृपा से अवैध कारोबार संचालित करने लगा। जब आई0बी0एन0 टीम ने मामले को दूसरी बार संज्ञान लिया तो सी0एम0ओ0 आफिस के जांच अधिकारी संतोष ओझा और बलिया के विकलांग कोटे से अफसर सिंह साहब ने अस्पताल पहुंचकर इस अवैध सेन्टर को सील कर दिया। 10 दिन बाद ही राजू ने पुनः अस्पताल का नाम बदलकर उसे शिवांगी की जगह आराध्या नाम दे दिया। इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोविंद सिंह को कई बार दी गयी लेकिन जिस पत्रकार ने उनको यह बात बताने की कोशिश की महोदय ने सारे लोगों का मोबाइल नम्बर ब्लाक कर दिया ताकि दोबारा बात न हो सके।
मामले से झल्लाये और खुलेआम वसूली पर आमादा मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के कारनामों का खुलासा हुआ। मौजूदा समय में अनाज व सब्जी की मण्डी जंगीपुर में खुल गये आधा दर्जन से अधिक अपंजीकृत अस्पतालों, एक दर्जन डायग्नोसिस सेन्टरों, जांच केन्द्रों के खोले जाने की सूचना भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी गयी लेकिन उन्होंने संज्ञान नही लिया। तब आई0बी0एन0 टीम ने मामले को प्रमुखता से उठाया और यह बात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक तक पहुंची। मामले की जानकारी के बाद उपमुख्यमंत्री के तेवर देख जिले के सी0एम0ओ0 इतना घबरा गये कि राजू को कड़ी चेतावनी दिया और रातभर में ही अस्पताल समेटने का फरमान जारी कर दिया। हालांकि मामला उपमुख्यमंत्री का था इसलिये जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मामले में जांच का निर्देश दिया है और जांच टीम तत्परता से राजू की तलाश कर रही है। अस्पताल बंद है।
सबसे बड़ी बात यह है कि राजू की झोपड़ी की जगह लाखों का दो मंजिला मकान खड़ा हो चुका है और पैदल घुमने वाला राजू आजकल लाखांे की कार से घूम रहा है। जांच के बाद शिवांगी अस्पताल सील करते समय ही टीम ने राजू पर कोतवाली थाना क्षेत्र के रजदेपुर पुलिस चैकी में मुकदमा भी दर्ज कराया था लेकिन पुलिस टीम अंकुश नही लगा सकीं। मौजूदा समय में अपना सामान शादियाबाद थाना क्षेत्र के किसी इलाके में ले जाकर दुकान लगाने की जुगत लगा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात उसके सहयोगी सहमे है जांच जारी है। देखना है कि उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर चल रही जांच को जिले के अफसर प्रभाव में ले पाते है या लीपापोती करने में कामयाब हो जाते है। इस बारे में जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता विवेकानन्द पाण्डेय ने ही उपमुख्यमंत्री को सूचना दी थी। जांच चलने से जिले के अन्य स्वास्थ्य माफियाओं में भय का माहौल है। जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी तेजी से फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने को पाकसाफ साबित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैा
राकेश की रिपोर्ट