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हज़ारों खर्च होने के बाद भी नहीं खिल सके बाल वाटिका में फूल

 

संवाददाता मुदस्सिर हुसैन IBN NEWS मवई अयोध्या

✍️ आखिर जिम्मेदार क्यों नहीं दे रहे ध्यान?

30/6/2021 मवई अयोध्या – शिक्षा के साथ साथ बच्चों के मानसिक विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए बाल वाटिका का निर्माण कराया गया। जिसमे बैठ कर बच्चे पढ़ने के साथ ही उनके मन को शांति व सुकून मिल सके। और वह उस वाटिका में खेल कूद सके। लेकिन अपनी बदतर हालत का शिकार हो चुकी बाल वाटिका अपनी सुंदरी करण की बाट जोह रही है। जिस वाटिका में फूलों को होना चाहिए,आज वही वाटिका का अस्तित्व ही खत्म दिखाई दे रहा है।

इस वाटिका को बनाने का उद्देश्य मात्र विद्यालय की सुंदरता को बढ़ाना व छोटे बच्चो को इस वाटिका में बैठकर सुकून के साथ शिक्षा अर्जित करना था। लेकिन इसके ठीक सामने सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी व संसाधन केंद्र भी बना हुआ है। जिससे इस वाटिका के माध्यम से इन कार्यालयों की सुंदरता को बढ़ाया जा सकता था। लेकिन फूलो की जगह अगर कांटे लगे हो तो कैसे सुंदरता बढ़ेगी। ऐसा ही इस वाटिका में देखने मिल सकता है। यह उदहारण पूर्व माध्यमिक विद्यालय नेवरा का है।

 

इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि मवई ब्लॉक में आने वाले अन्य विघालयो की बाल वाटिका का क्या हाल होगा? लेकिन इन वाटिकाओं की किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। कहीं कहीं तो बाल वाटिका का अस्तित्व ही समाप्त होने को है। इन वाटिकाओ को बनाने के लिए सरकार द्वारा हज़ारों रुपयों का धन दिया गया, जिसकी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को सौंपी गई। लेकिन इस वाटिका को देखकर ऐसा लगता है कि मात्र इसको बनाने की खाना पूर्ति की गई हो।

 

लेकिन यह सच है अगर इन वाटिका का सुंदरीकरण होता तो इससे विद्यालय की सुंदरता बढ़ती। अब देखना है कि बच्चों की इस वाटिका या फूलो की बगिया को किस तरह से सुंदरीकरण किया जाता है। इन वाटिका ओ में बच्चो के बैठने का सपना सच होगा या नहीं।यह समय बताएगा ।

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