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गाजीपुर: पुलिसिया कुचक्र में फसे कोरोना से मरे लेखपाल की विधवा व पुत्र से दरिन्दगी पर एस0पी0 असहज, जांच की बात कह मामले को लटकाया

टीम आई0बी0एन0 न्यूज

गाजीपुर: कई दिनो बाद भी कोतवाली थाना क्षेत्र में हुये कोरोना से मृत लेखपाल की बेसहारा विधवा व पुत्र के साथ हुई समूची घटना पुलिस विभाग की जांच वाली रटी रटाई भाषा में तब्दील हो गई है। घटना को लेकर लेखपाल संगठन के साथ-साथ मृत लेखपाल अनिल चैबे के शुभ चिन्तकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि उत्पीड़न की घटना कर हैवानियत की सारी हदे पार करने वाले कोतवाली मे तैनात एस0आई0 के कृत्यों का वीडियो वायरल हो ही चुका है। उसके करीबी युवक की भी एक फोटो वायरल हो रही है जो कमर में पिस्टल लगाये हाइवे पर फोटो खिचवा रहा है। उच्चाधिकारियों की ओर से इस मामले में कड़ा रूख अपनाये जाने के बजाय जांच की आंच पर परखने की कारगुजारी से लम्बे समय से जिले में चल रही बेहतर पुलिसिंग पर भी सवालिया निशान उठने लगे है।

बताया जाता है कि शहर क्षेत्र के रहने वाले मृतक लेखपाल अनिल चैबे का पुत्र कुछ शोहबत के चलते बिगड़ गया है और इसी बात का फायदा उठाकर पुलिस ने एक साल में ही उसके उपर तीन मुकदमें दर्ज कर दिये। लड़को के विवाद के दौरान लेखपाल का पुत्र शुभम चैबे का विवाद फुल्लनपुर इलाके के आलोक दूबे से हो गया। आलोक दूबे की एक वाइस रिकार्डिग भी वायरल हो रही है जिसमे वह कोतवाली में तैनात एस0आई0 शिवाकान्त मिश्रा को अपना रिश्तेदार बताते हुये शुभम को हेरोईन में फर्जी चालान कराने की बात कह रहा है। वही आलोक पिस्टल लेकर हाइवे पर फोटो भी खिचवा रहा है। लेकिन कोतवाली पुलिस की ओर से न तो आलोक का संज्ञान लिया जा रहा है न ही पिस्टल खोजने की कोशिश हो रही हैं। मीडियाकर्मियों ने जब पुलिस कप्तान बलबीर सिंह से पूछा कि क्या जिस युवक पर तीन मुकदमें दर्ज उसे घर से उठाकर हेरोईन बरामदगी का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है तो पुलिस कप्तान ने जांच का ब्रहमास्त्र चला दिया और समूचे मामले में कोरोना में मरे अनिल की पत्नी रीता चैबे व उनके परिवार की हालत देखने लायक है। बेटे को पुलिस ने हेरोईन का फर्जी मुकदमा बनाकर जेल भेज दिया है और विरोधी अब भी उसे धमकी दे रहे हैं।

योगी सरकार के दोबारा आने के बाद जिले की पुलिसिंग व्यवस्था को लेकर कुछ बड़े माफियाओं ने ही सवाल खड़े किये। आम जनता सीधे तौर पर सामने नही आ रही थी। लेकिन मृत लेखपाल के पुत्र को घर से जबरदस्ती उठाकर हेरोईन बरामदगी का संगीन आरोपी बनाना लोगो को पच नही पा रहा है। इस मामले में विकास की गंगा बहाने के साथ-साथ सबका साथ सबका विकास की बात करने वाले सत्ताधारी दल के दिग्गज तो मुहॅ नही खोल रहे है विपक्षी विधायक भी छः की संख्याबल की ताकत अखिलेश यादव के आवागमन में लगा रहे है ताकि अधिक से अधिक भीड़ हो और उनका आगामी भविष्य में स्वर्णिम हो जाये। हालाकि इस मामले की जानकारी वायरल वीडियो, फोटो व वायस रिकार्डिग सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के अति करीबी गोरखपुर मठ से जुड़े जिम्मेदार व्यक्ति के पास पहंुच गया है। देखना है कि पुलिस कप्तान विभाग को शर्मसार कर बैकफुट पर लाने वाले इस संगीन मामले के आरोपी शिवाकान्त मिश्रा को जांच में कितनी आंॅच दे पाते है।

राकेश की रिपोर्ट

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