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कुपोषित बच्चों को बनाया जाए पोषित ,लिया जाए बच्चों को गोद- डीएम

रिपोर्ट ब्यूरो गोरखपुर
गोरखपुर। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद विकास भवन सभागार में कुपोषित बच्चों को पोषित बनाने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह व बाल पुष्टाहार के अन्य कर्मचारियों के साथ बैठक करते हुए डीएम ने कहा कि अब तक मिले हुए कुपोषित बच्चों को किन-किन ब्लॉकों में गोद लिया गया है उसकी पूरी सूची उपलब्ध कराई जाए की किन-किन बच्चों को किसके द्वारा गोद लिया गया है उनके द्वारा कुपोषित बच्चों को पोषित बनाए जाने के लिए क्या कारगर उपाय किए जा रहे हैं डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि कहा जाता है कि बच्चे स्वस्थ होंगे तो समाज स्वस्थ होगा। और बच्चों के स्वस्थ होने के लिए उनका पोषण जरूरी है यदि परिवार के पास राशन कार्ड नहीं है तो उनका राशन कार्ड बनाया जाए, यदि परिवार का कोई सदस्य बीमार है तो उसे तत्काल स्वास्थ्य लाभ दिया जाए और यदि परिवार के पास कोई रोजगार नहीं है तो मनरेगा के तहत उसे काम दिलाया जाए। तथा इन कारणों का पता लगाया जाए कि कुपोषण के लिए मुख्य जिम्मेदार घटक कौन से है। साथ ही बाल एवं पुष्टाहार विभाग इन कुपोषित बच्चों के लिए नियमित पुष्टाहार देने की व्यवस्था करेगा।
अधिकारी इन बच्चों के घर जाएंगे उनकी स्थिति का आकलन करेंगे। एक तरह से इन बच्चों को गोद लेने जैसी जिम्मेदारी उठाएंगे। यह अधिकारी देखेंगे कि बच्चों में कुपोषण किस वजह से है बच्चों का कुपोषण मिटाने के साथ उस वजह का निस्तारण भी कराएंगे जिससे बच्चे कुपोषण का शिकार हुए है। इतना ही नहीं यह अधिकारी अन्य विभागों की योजनाओं से संबंधित परिवारों को संतृप्त कराएंगे। इसकी नियमित मानीटरिंग करेंगे और इसकी सूचना डीएम को देते रहेंगे।
बच्चों को सही प्रकार का पूरक आहार देना, अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उनका उपचार एवं आहार की व्यवस्था करना तथा सभी गर्भवती माताओं के लिए उचित आहार एवं आयरन फोलिक एसिड गोली की व्यवस्था एवं सेवन सुनिश्चित करना जरूरी है। बच्चों के आहार को लेकर माता-पिता के बीच जागरूकता लाने तथा उनके व्यवहार में बदलाव लाने की भी दिशा में काम होना चाहिए।स्तनपान बच्चों के जीवन को बचाता है और यह प्रत्येक बच्चे का अधिकार भी है।इसके अलावा परिवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिशु के छह महीने की उम्र तक उसे केवल स्तनपान ही कराया जाए। यहां तक कि उसे पानी, शहद, घुट्टी आदि भी नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि, कुपोषण के कई कारण हैं और इसमें सुधार के लिए निरंतर संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है, लेकिन इन उपायों को लागू करके कुपोषण को दूर करने की दिशा में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

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