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एसटीएफ, क्राईम ब्रांच व गगहा की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा 01-01 लाख के 02 शातिर इनामिया अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

रिपोर्ट ब्युरो

 

गोरखपुर। रितेश मौर्या एवं 31.03.2021 को शम्भू मौर्या एवं संजय पाण्डेय कीे  थाना गगहा क्षेत्रान्तर्गत जनपद गोरखपुर की हत्या कर सनसनी फैलाने वाला अपराधी सन्नी सिंह एवं युवराज सिंह को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।  जनपद के थाना गगहा क्षेत्रान्तर्गत ओ0पी0 मेमोरियल स्कूल के बाये तरफ बन्द पडे कृष्णानन्द पाण्डेय के ट्यूबवेल के पास स्थित बगीचे मे दिनांक-07.05.2021 समय 15.30 बजे। अपर पुलिस महानिदेशक, एस0टी0एफ0 उ0प्र0 लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन, गोरखपुर एवं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उ0प्र0 लखनऊ एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर, के निर्देशन में एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई गोरखपुर के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक टीम एवं जनपद गोरखपुर की स्वाट टीम एवं प्रभारी निरीक्षक गगहा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर एक एक लाख रूपये के पुरस्कार घोषित अपराधी 1-सन्नी सिंह उर्फ मृगेन्द्र सिंह, 2-युवराज सिंह उर्फ राज, के विरूद्ध उक्त दोनों आपराधी जनपद गोरखपुर के दक्षिणान्चल में दियारा व बागिचे में छूप छुपा के रह रहे है एवं क्षेत्र में रंगदारी वसूलने के फिराक में है। इसी क्रम में जनपद गोरखपुर की स्वाट टीम से अभिसूचनाओ का आदान प्रदान किया गया। इसी क्रम में आज दिनाँक. 07.05.2021 को थाना गगहा चैराहे पर स्वाट टीम के साथ अभिसूचनाओ का विश्लेषण किया जा रहा था कि मुखबिर खास ने चैराहे पर आकार बताया कि सन्नी एवं राज उपरोक्त ओ0पी0 मेमोरियल स्कूल के बाये तरफ बन्द पडे कृष्णानन्द पाण्डेय के ट्यूबवेल के पास स्थित बगीचे में है। उक्त सूचना पर विश्वास कर प्रभारी निरीक्षक गगहा को चैराहे पर बुलाकर सूचना से अवगत कराकर मय पुलिस टीम के साथ मुखबिर के बताये स्थान पर मय मुखबिर के रवाना हुआ। सरकारी वाहनों को पकडिहवा चैराहे से तीन सौ मीटर पहले सडक के किनारे सरकारी चालक की देखरेख में छोडकर मैं निरीक्षक मय पुलिस टीम के मुखबिर के बताये स्थान की ओर पैदल ही अपने को छिपते छिपाते पहुॅचे। सडक के किनारे से मुखबिर खास ने इशारे से ट्यूबवेल और बागीचे के तरफ दिखाया कि इसी में सन्नी और राज है और मुखबिर चला गया। तत्काल एक टीम मुझ निरीक्षक के नेतृत्व में दक्षिण दिशा की ओर से और एक टीम प्रभारी निरीक्षक गगहा श्री सुधीर सिंह के नेतृत्व में पूर्व दिशा की ओर एक टीम स्वाट टीम निरीक्षक सुशील कुमार शुक्ला के नेतृत्व में पश्चिम दिशा की ओर से ट्यूबवेल और बागीचे की तरफ तेजी से बढे कि एक पेड़ के नीचे दो व्यक्ति आपस में बात करते हुये दिखाई दिये कि हम पुलिस वालों को देखकर भागने लगे कि एकबारगी तीनो टीम द्वारा घेरमार कर आवश्यक बल प्रयोग कर उपरोक्त दोनो सन्नी व राज को समय लगभग 15.30 बजे गिरफ्तार कर लिया गया। जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई। अभियुक्तगण सन्नी व राज से बारी-बारी पूछताछ की गयी तो अभियुक्त सन्नी ने पूछताछ पर बताया कि वर्ष 2013 में रस्सी की खरिदारी के पैसे को लेकर दुर्वासा गुप्ता से विवाद हो गया था। उक्त विवाद के कारण ही मैनें अपने भाई टीका सिंह, सिंहासन यादव, अजय नारायाण सिंह के साथ मिलकर दुर्वासा गुप्ता, दुर्वासा गुप्ता की पत्नी और दुर्वासा गुप्ता का पुत्र बाबूलाल इन तीनो की हत्या की गयी थी। बाकी अन्य तीन लोग घायल हुये थे। वर्ष 2020 में उक्त मुकदमें में जमानत पर रिहा होकर बाहर आया। उक्त मुकदमें में ही वादी बांके लाल गुप्ता से सुलह कराने के लिए मैं दबाव बना रहा था। जिसमे गगहा के ही निवासी रितेश मौर्या व शम्भू मौर्या द्वारा विरोध किया जा रहा था तथा उक्त हत्या के मुकदमे में रितेश मौर्या व शम्भू मौर्या द्वारा लगातार पैरवी की जा रही थी। जिस कारण मैने इन दोनो की हत्या करने का मन बना लिया एवं सिहांसन यादव उर्फ राम सिंहासन यादव पुत्र-रामनाथ यादव निवासी-नेवादा थाना गगहा जनपद गोरखपुर जो सन् 2013 के तिहरे हत्या काण्ड में मेरे साथ अभियुक्त था, ने कहा कि अगर ये दोनो नहीं मारे जायेगें तो मुकदमें में सुलह नहीं हो पायेगा इसलिये इन दोनों को मारना जरूरी है मेरे पास एक 32 बोर की पिस्टल एवं छः कारतूस थे इस पर सिहाॅसन यादव ने मुझे एक 32 बोर की पिस्टल व आठ कारतूस भी दिया। सिहासन यादव ने बताया कि उसकी अच्छी जान पहचान पूर्व ब्लाक प्रमुख बडहलगंज विजय यादव व गोरखपुर ग्रामीण के पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव से है। सिंहासन यादव ने यह भी बताया था कि ये दोनों लोग पैरवी करेगे और हर जगह साथ खडे़ रहेंगें। कई दिन रितेश मौर्या की रैकी करने के बाद मुझे ज्ञात हो गया कि रात में 8-9 बजे के बीच रितेश मौर्या गगहा चैराहे पर रूकता था। रितेश मौर्या का वही बैठका था। दिनांक 10.03़.2021 को गगहा चैराहे पर ही जब रितेश मौर्या मौजूद था उसी समय बाइक से मै और युवराज पहुचे बाइक युवराज चला रहा था। मेरे पास 32 बोर की दो पिस्टल और चार मैगजीन व चैदह कारतूस थे। वही चैराहे पर पहूॅचकर मैने रितेश मौर्या की गोली मार कर हत्या कर दिया था। रितेश मौर्या की हत्या के बाद हम लोग राजू चैधरी की बहन के यहा ग्राम मलौली सोहगौरा रोड जनपद गोरखपुर गये। राजू चैधरी अपने बहन के यहा रहता था फिर अगले दिन हम लोग लखनऊ के लिये मोटरसाइकिल से निकल गये। लखनऊ में हम लोग अपने मित्र राजू मिश्रा आदित्य मिश्रा के भाई के यहाॅ मोहनलालगंज जनपद लखनऊ में रूकेे थे। आदित्य मिश्रा से मेरी पुरानी जानपहचान ग्राम नर्रे, थाना गगहा, जनपद गोरखपुर के ही निवासी अंशुमान चन्द उर्फ प्रिंस चन्द पुत्र राम चन्द के माध्यम से हुई थी। लखनऊ में एक दिन रूकने के बाद मोटरसाइकिल और असलहे को वही राजू मिश्रा के आवास पर ही छोड़ कर हम दोनो लोग बस से मेरठ चले गये। मेरठ में सारिक चैधरी जो उस समय तिहाड़ जेल दिल्ली में बन्द था, से फोन से बात हुयी तो सारिक चैधरी ने उस्मान व शाहरूख नाम के लड़के को मेरे पास भेजा मेरठ में शाहरूख हम लोगों को एक डेयरी फार्म पर ले गया  वहाॅ से फिर डिजायर कार से शाहरूख, उस्मान के साथ हम दोनो को दरियापुर सोनू के घर ले गया वहा हम 10-12 दिन रूक। सोनू भी इस समय तिहाड़ जेल में ही बन्द है। हम लोगों को अभी शम्भू मौर्या की हत्या करनी थी यह बात मैने शाहरूख को बतायी तब शाहरूख ने मुझे एक 9 एम0एम0 की पिस्टल और दस कारतूस 9 एम0एम0 का दिया तथा चार गोली चलवाकर शाहरूख ने पिस्टल का अभ्यास भी करवाया तथा 32 बोर का भी चार कारतूस दिया। शाहरूख ने कहा कि इससे फायर पावर मजबूत रहेगा। फिर 10-12 दिन बाद हम लोग वापस बस से लखनऊ आ गये। राजू मिश्रा के आवास से बाकी दोनों असलहा कारतूस व मैगजीन और मोटरसाइकिल लेकर गोरखपुर आ गये। गोरखपुर में ही राजू चैधरी के बहन के गाॅव मलौली, जो सोहगौरा वाले रास्ते पर स्थित है, राजू वहीं रहता था पहुॅचे। हम लोगों को पता था कि शम्भू मौर्या अपने दुकान पर ही रहता है। राजू चैधरी के घर से मोटरसाइकिल से शम्भू मौर्या के दुकान के आगे़ जाकर सडक केे किनारे छिपकर खडे हो गये। हम दोनो लोग हेलमेट पहने हुए थे। युवराज के पास एक 9 एमएम पिस्टल व छः कारतूस थी और मेरे पास दो 32 बोर की पिस्टल और चार मैगजीन और पर्याप्त कारतूस था। हमारा उद्देश्य हर हाल में शम्भू मौर्या की हत्या करना था। दिनांक 31.03.2021 को लगभग 7.30 बजे शाम को जब शम्भू मौर्या अपने दुकान गीतांजली इलेक्ट्रानिक वक्र्स के शोरूम के बाहर आया जिसे देखते ही हम लोग शम्भू मौर्या की दुकान पर पहुॅचे उस समय भी युवराज ही मोटरसाइकिल चला रहा था। मैने अपने साथी राज के साथ ही 31.03.2021 को 7ः30 बजे शाम उसकी दुकान पर पहुच कर शिव शम्भू मौर्या को गोली मार दिया। उसे बचाने उक्त शोरूम का ही कर्मचारी संजय पाण्डेय आया उसको भी हम लोगों ने गोली मारकर हत्या कर डाली। शम्भू मौर्या व संजय पाण्डेय की हत्या के बाद हम लोग मोटरसाइकिल से ही राजू चैधरी के पास मलौली गाॅव पहुचे। वही रूके फिर राजू चैधरी हम लोगों को पन्द्रह हजार रूपये दिया फिर राजू चैधरी ने अपने गाॅव डागीपार थाना खोराबार के पास कहीं हमलोगों को रूकवाया फिर 2-3 दिन बाद हमलोग मोटरसाइकिल से राजू मिश्रा के मोहनलालगंज लखनऊ स्थित आवास पर आ गये। वही 7-8 दिन रूकने के बाद फिर बाइक व असलहा पुनः छोड़कर बस से मेरठ चले गये पुनः मेरठ से उस्मान और शाहरूख से मिले जहाॅ से उस्मान व शाहरूख के साथ हमलोगों को सोनू के घर दरियापुर दिल्ली ले गया वहा 10-12 दिन रूकने के बाद वापस मोहनलालगंज लखनऊ राजू मिश्रा के आवास पर आये वहाॅ से कुछ दिन रूकने के बाद बाइक व असलहा लेकर हमलोग गोरखपुर चले आये। तभी से गोरखपुर व आस पास के जनपदों में छिपकर रह रहे थे एवं व्यापारियों से रंगदारी वसूलने के प्रयास में थे। मैने इन्ही दोनों 32 बोर की पिस्टल से रितेश मौर्या, शम्भू मौर्या और संजय पाण्डेय की हत्या की थी। युवराज सिंह उर्फ राज पुत्र राकेश सिंह निवासी ग्राम गगहा,थाना गगहा, जनपद गोरखपुर ने पूछताछ करने पर बताया कि दिनंाक 10.03.2021 को सन्नी ने मेंरे मोबाइल नम्बर 8009290416 पर फोन किया फिर मै सन्नी से मिला। सन्नी ने मुझे किसी अन्य नम्बर से फोन किया था जो मुझे याद नही है। दिनांक 10.03.2021 को रितेश मौर्या की हत्या की घटना में मै बाइक चला रहा था। उस हत्या के बाद राजू चैधरी की बहन के यहा ग्राम मलौली जनपद गोरखपुर गये राजू चैधरी अपने बहन के यहा रहता था। फिर अगले दिन मोटरसाइकिल से लखनऊ के लिये निकल गये ।हम लोगों को खर्च के लिये राजू चैधरी ने ही पैसा दिया था। लखनऊ से बस से हम लोग मेरठ गये। मेरठ मे शाहरूख डेयरी फार्म चलाता था वह हमें अपने डेयरी फार्म में ले गया फिर डिजायर कार से शाहरूख, मै और सन्नी दरियापुर गये। दिनांक 31.03.2021 को 7ः30 बजे शाम गीतांजली इलेक्ट्रानिक वक्र्स के शोरूम पर पहुच कर शिव शम्भू मौर्या को गोली मार दिया। उसे बचाने उक्त शोरूम का ही कर्मचारी संजय पाण्डेय आया उसको भी हम लोगों ने गोली मारकर हत्या कर डाली, क्योकि वो हम लोगों को पहचान लिया था। इस घटना के बाद वापस गोरखपुर आने पर राजू चैधरी ही हमलोगों को गोरखपुर में रखवाया था दोनो हत्याओं के बाद हम लोग बाइक से ही घटनास्थल से फरार हो गये थे। मै हर समय सन्नी के साथ ही रहा और जहाॅ भी सन्नी रूकता था वहाॅ मुझे भी साथ रखता था।

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