फरीदाबाद से खुशी वत्स की रिपोर्ट
फरीदाबाद:वर्ल्ड हेरिटेज डे के अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी नं-3 की सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड, गाइड्स और जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में धरोहर और जलवायु विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य मनचंदा ने कहा कि यह दिवस प्रत्येक देश के लिए विशेष है जो अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों,यूनिक निर्माण शैली,भवनों और स्मारकों की सुंदरता को चिरकाल तक बनाए रखना चाहता है।
विश्व धरोहर दिवस 2022 की थीम – धरोहर और जलवायु है। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि विश्व धरोहर दिवस को प्रारंभ में विश्व स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता था। भारत की पहली विश्व धरोहर महाराष्ट्र में स्थित एलोरा की गुफाएं हैं। वर्तमान समय में भारत में 40 विश्व धरोहरे हैं यूनेस्को ने जिन 40 विश्व धरोहरों को घोषित किया है उसमें सात प्राकृतिक, 32 सांस्कृतिक तथा एक मिश्रित स्थल हैं।
महाराष्ट्र में पांच यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। विश्वभर में बहुत सारे संगठन हैं,जो धरोहरों के संरक्षण पर काम कर रहे हैं। विश्व के भिन्न भिन्न देशों में स्थित ये धरोहरें प्रकृति के साथ मानव के रचनात्मकता एवं कलात्मकता का वर्णन करती हैं। इन धरोहरों को संरक्षित करना हर एक नागरिक का उत्तरदायित्व होना चाहिए। प्रधानाचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा,प्राध्यापिका जसनीत कौर और नवपदोन्नत प्राध्यापिका अंशुल ने बताया कि हमारी धरोहर ही हैं जो हमें बताती हैं कि मानव इतिहास में हमने कितना बड़ी दूर निकल गए हैं। हमारे भवन,हमारे निर्माण इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। विश्व भर में इसी को ध्यान मे रखते हुए 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य विश्व में विद्यमान धरोहरों के बारे में जागरुकता फैलानी है। विश्व में ऐसे कई अद्वितीय और अप्रतिम निर्माण है,जिनके स्वर्णिम इतिहास को बचाए रखने और आज की पीढ़ी को उसके साथ जोड़ा जाना बहुत ही आवश्यक हो गया है। अपनी धरोहरों से परिचित रहना तथा उन के संरक्षण के प्रति सजग रहना प्रत्येक देशवासी का परम कर्तव्य है। उन्होंने अध्यापकों जसनीत कौर और अंशुल का छात्राओं को देश की धरोहरों का महत्व बताने के लिए विशेष रूप से प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया।