मीरजापुर। अहरौरा रमजान का महीना शुरू होतें ही जहाँ रोजेदार रोजा रखने की तैयारी में जुट जाते हैं, वही मस्जिदों में तराबीह पढने का सिलसिला जारी हो जाता है। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों की मस्जिदों में इबादतगार रमज़ान के पुरे महीने लोग इबादत करते हैं। रमज़ान के महीने में वैसे तो पुरा महीना ही इबादत का होता है।
मुस्लमान जहाँ रोजा रखता है, वही तिलावत के साथ ही मस्जिदों में एक माह तक तराबीह व शुरहतराबीह का दौर चलता है। नगर क्षेत्र के जामा मस्जिद इलाहाबाद बैंक के समीप, तकिया मस्जिद सहित ज्यादातर मस्जिदों में कुरआन तराबीह की नमाज़ खत्म हो गई है। नगर के सत्यानगंज स्थित इलाहाबाद बैंक के समीप वाली जामा मस्जिद में तराबीह पढ़ा रहे हाफिज जफर मोबीन ने बताया कि जिन मस्जिदों में तराबीह खत्म हो गई है, वहाँ पर शुरेतराबीह की नमाज़ अदा की जाती है। मौलाना अंसार उल हक ने कहा कि वैसे तो अल्लाह ने इबादत के लिए ही हमें दुनिया में भेजा है। हम मोमिन पर रोजा नमाज़ फर्ज है। वक़्त को देखते हुए कुछ मस्जिदों में जल्द तराबीह खत्म कर दी जाती है। पुरा महीना नमाज़, रोजा के साथ ही इबादत किया जाता है।