मीरजापुर। अहरौरा नगर क्षेत्र के गुरुद्वारा बाग श्री गुरु तेग बहादुर साहिब गुरु सिंह सभा, तप स्थान श्री गुरु तेगबहादुर साहिब में 11 दिन स्त्री सत्संग के तरफ से श्री सुखमनी साहिब जी का पाठ किया गया।
10 जून को पंचम पातसाही श्री गुरु अरजन देव जी के शाहिदी गुरुपर्व के उपलक्ष्य में पाठ कीर्तन व लंगर की सेवा किया गया। और गुरुद्वारे गेट के मुख्य द्वार पर चलते राहगीरों को शरबत भी पिलाया गया। सरदार ईश्वर सिंह ने बताया कि गर्म तवे पर बिठाकर दी गईं यातनाएं
मुगल शासक जहांगीर के आदेश के मुताबिक, गुरु अर्जुन देव को पांच दिनों तक तरह-तरह की यातनाएं दी गईं, लेकिन उन्होंने शांत मन से सबकुछ सहा। अंत में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि संवत् 1663 (30 मई, सन् 1606) को उन्हें लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान गर्म तवे पर बिठाया।
उनके ऊपर गर्म रेत और तेल डाला गया। यातना के कारण जब वे मूर्छित हो गए, तो उनके शरीर को रावी की धारा में बहा दिया गया। उनके स्मरण में रावी नदी के किनारे गुरुद्वारा डेरा साहिब का निर्माण कराया गया जो वर्तमान में पाकिस्तान में है और उन्होंने ने बताया कि गुरु अर्जुन देव का पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित रहा है। वे दया और करुणा के सागर थे। वे समाज के हर समुदाय और वर्ग को समान भाव से देखते थे। इस शुभ अवसर पर सरदार सुरजन सिंह, तरन सिंह, जसबीर सिंह, ईश्वर सिंह, जगजीत सिंह, परमजीत सिंह, अभिषेक सिंह, अतर जीत कौर, सौरी कौर, रविन्द्र कौर सहित दर्जनों सिख समुदाय के लोग मौजूद रहे।